Bharat Jodo Nyay Yatra: आगरा में राहुल गांधी का साथ देने भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होंगे अखिलेश यादव, जनसभा को करेंगे संबोधित
UP Politics: आगरा में दोपहर 2 बजे टेढ़ी बगिया में ही न्याय यात्रा में अखिलेश यादव शामिल होंगे. सपा अध्यक्ष का आगरा का कार्यक्रम फिलहाल जारी कर दिया गया है. वहीं, दूसरी ओर जौनपुर के बसपा सांसद श्याम सिंह यादव भी आज यानी रविवार को भारत जोड़ो न्याय यात्रा में राहुल गांधी के साथ शामिल होंगें.
आगरा: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की बहुचर्चित भारत जोड़ो न्याय यात्रा (Bharat Jodo Nyay Yatra) के लिए संगठन अपनी पूरी क्षमता लगा रही है. आज यानी 25 फरवरी को टेढ़ी बगिया से दो बजे प्रवेश करने के बाद यात्रा के राजस्थान की सीमा में प्रवेश करेंगे. यहां तक की पूरी दूरी पांच किलोमीटर की है जिसे यात्रा के द्वारा तय की जाएगी.
राहुल गांधी और अखिलेश यादव
आज जब भारत जोड़ो न्याय यात्रा आगरा में होगी तब राहुल गांधी के साथ सपा अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शामिल होंगे. आगरा में दोपहर 2 बजे टेढ़ी बगिया में ही न्याय यात्रा में अखिलेश यादव शामिल होंगे. सपा अध्यक्ष का आगरा का कार्यक्रम फिलहाल जारी कर दिया गया है. वहीं, दूसरी ओर जौनपुर के बसपा सांसद श्याम सिंह यादव भी आज यानी रविवार को भारत जोड़ो न्याय यात्रा में राहुल गांधी के साथ शामिल होंगें.
सपा मुखिया भी होंगे शामिल
राहुल गांधी (Rahul Gandhi), प्रियंका गांधी बाड्रा व खुद अखिलेश यादव तेहरा पर जनसभा को अपना संबोधन देंगे. यात्रा साढ़े चार बजे आगे बढ़ेगी और राजस्थान की सीमा में प्रवेश करेगी. शहर कांग्रेस कार्यालय पर हुई बैठक में रूट, प्रचार, जनसंपर्क के साथ ही कई और बिंदुओं पर चर्चा की गई. पार्टी के दो नेता व सपा अखिलेश यादव खुद इस यात्रा में शामिल होने आ रहे हैं.
आंबेडकर की प्रतिमा का माल्यार्पण
टेढ़ी बगिया पर आंबेडकर की प्रतिमा का माल्यार्पण किया जाएगा और फिर यात्रा कुछ दूर पैदल ही तय की जाएगी. सभी नेता इसके बाद गाड़ियों में सवार होंगे और शाहदरा चुंगी, नुनिहाई, आंबेडकर पुल से होते हुए यमुना किनारे, माल रोड से इटौरा पहुंचेंगे. यात्रा राजस्थान की सीमा में आज ही प्रवेश करेगी. लेकिन पहले तेहरा में जनसभा को संबोधित किए जाने की योजना है.
याद दिला दें कि कांग्रेस व सपा इसके पहले भी विधानसभा चुनाव के लिए साल 2017 में साथ आए थे. लेकिन यूपी की जनता को ये साथ कुछ खास पसंद नहीं आया था. हालांकि, तब इनका नारा था 'यूपी को ये साथ पसंद है' पर इसका असर नहीं दिथखा. तब 224 विधायकों के साथ सरकार में रही सपा घटकर 47 पर आ गई. 29 विधायकों वाली कांग्रेस के पाले में बस सात सीटे तब रह गई थीं.