लखनऊ : कुछ दिन पहले कांग्रेस के कद्दावर नेता पी चिंदबरम का एक बयान काफी सुर्खियों में था, इसमें उन्होंने कहा था कि बीजेपी कोई भी चुनाव ऐसे लड़ती है जैसे वह उसके लिए अंतिम हो. लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तैयार बीजेपी की रणनीति को देखकर उनकी यह बात काफी हद तक सही लगती है. 2019 में प्रचंड बहुमत से जीत हासिल करने के बाद अब 2024 के लिए बीजेपी ने 350 से अधिक सीट जीतने का जो प्लान तैयार किया है, उसमें हर पार्टी और उसके दिग्गज नेताओं को उसके गढ़ में पटखनी देने की रणनीति है.


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160 कमजोर सीटों के लिए अलग प्लान
एक तरफ पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली 303 सीटों पर पूरा फोकस कर रही है, वहीं दूसरी तरफ देश की 160 'कमजोर सीटों' पर भी खास तैयारी कर रही है. इन 160 लोकसभा सीटों में सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) की रायबरेली (Rae bareli Loksabha), अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav)के परिवार का गढ़ मैनपुरी (Mainpuri) शरद पवार (Sharad Pawar) के परिवार का गढ़ बारामती के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र (Maharashtra) और दक्षिण भारत की वे सीटें शामिल हैं जहां पार्टी 2019 लोकसभा चुनाव में जीत नहीं पाई थी.


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विरोधी दिग्गजों की सीट पर लोकसभा प्रवास योजना
इन 160 लोकसभा सीटों पर फोकस करते हुए भगवा पार्टी लंबे समय से अपने दिग्गज मंत्रियों और नेताओं को इन संसदीय क्षेत्रों में तैनात कर 'लोकसभा प्रवास योजना' अभियान चला रही है. इन सभी 160 लोकसभा क्षेत्रों में प्रत्येक विधानसभा सीट पर स्थानीय पार्टी नेताओं को तैनात करने का भी निर्णय लिया गया है. इन 160 लोकसभा क्षेत्रों के अंतर्गत राज्य विधानसभा की लगभग 1,000 सीटें आती हैं. बीजेपी ने पहले फैसला किया था कि वह देश की उन 160 लोकसभा सीटों पर चुनाव की घोषणा से पहले ही पर्यवेक्षक तैनात कर देगी, जिन्हें बीजेपी के लिए 'कमजोर सीटें' माना जा रहा है. 


अकेले दम पर 350 सीट लाने की रणनीति
2019 के लोकसभा चुनाव में अकेले दम पर लगभग 38 फीसदी वोट हासिल कर 303 सीटें जीतने वाली बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में 350 प्लस सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए पार्टी कई मोर्चों पर एक साथ काम कर रही है. अगर बीजेपी अकेले 350 प्लस सीटों का लक्ष्य हासिल कर लेती है, तो एनडीए सहयोगियों के साथ मिलकर आगामी आम चुनाव में उसकी सीटों की संख्या 400 के आसपास पहुंच जाएगी.


बूथ मैनेजमेंट पर जोर
आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के वोट 10 फीसदी और बढ़ाने के लिए बूथ स्तर पर बेहद एक्टिव है. सूत्रों के मुताबिक इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाएं यदि गरीबों, युवाओं, किसानों और महिलाओं तक सही से पहुंच जाएं तो इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है. जाति आधारित जनगणना के विषय को तूल देने की विपक्षी दलों की कोशिशों की काट के लिए हाल के दिनों में प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके लिए गरीब, युवा, किसान और महिलाएं ही चार जातियां हैं और अगर इनका कल्याण हो जाए तो 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र होने से कोई नहीं रोक सकता. 


पंडित नेहरू के रिकॉर्ड पर नजर
2024 के लोकसभा चुनाव में तीसरा कार्यकाल हासिल कर बीजेपी के केंद्र की सत्ता में वापस आने के बाद, भगवा पार्टी देश के पहले प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता जवाहरलाल नेहरू के पीएम बनने की बराबरी कर देश में एक नया रिकॉर्ड बनाएगी. 1947 में भारत की आजादी के बाद नेहरू लगातार तीन बार लोकसभा चुनाव जीते थे. 2024 में सत्ता में वापस आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस रिकॉर्ड की भी बराबरी कर लेंगे.


हर लोकसभा सीट में पर्यवेक्षक और कॉल सेंटर
एक दूसरी रणनीति के तहत बीजेपी देश की सभी 543 लोकसभा सीटों पर पर्यवेक्षक तैनात कर रही है. एक तरफ बीजेपी प्रचार के पारंपरिक माध्यम यानी 'लोकसभा प्रवास योजना', 'विस्तारक योजना' और 'विकास भारत संकल्प यात्रा' जैसे अभियानों के जरिए मतदाताओं से सीधे जुड़ रही है और लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है, दूसरी ओर भगवा पार्टी भी देश भर में 'कॉल सेंटर' स्थापित करके 'नमो ऐप' जैसे आधुनिक संचार माध्यमों का भरपूर उपयोग कर रही है.