UP Politics: यूपी बीजेपी संगठन चुनाव की प्रक्रिया चल रही है. पार्टी संगठन चुनाव को लेकर गंभीरता से काम कर रही है. पार्टी की कोशिश संगठन में भरोसेमंद और पुराने चेहरों को जिम्मेदारी देने पर है. उन नेताओं को जिम्मेदारी बिल्कुल नहीं होने देना चाहती है जो बाहरी और दागी हैं. बीजेपी का संदेश साफ है कि बीजेपी के मंडल अध्यक्ष और जिलाध्यक्ष में दागी और बाहरी को बागडोर नहीं मिलेगी.


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मंगलवार को हुई बैठक
यूपी बीजेपी संगठन चुनाव की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए अब क्षेत्रवार बैठकों का आयोजन करने जा रही है. सभी 6 संगठनात्मक क्षेत्र में यह बैठकें मंगलवार को हुईं. इनमें मंडलों और जिलों की चुनाव प्रक्रिया को लेकर आगे की रणनीति पर मंथन किया गया. इसमें संगठन चुनाव की बारीकियां कार्यकर्ताओं को बताई गईं. कहा गया है कि बीजेपी को मजबूत करने के लिए बूथ और मंडल इकाई का मजबूत होना जरूरी है.


अध्यक्ष के लिए किसे प्राथमिकता
- कर्मठ कार्यकार्ता
- पिछले दो बार (2019 और 2024) का सक्रिय सदस्य
-  अनुशासनात्मक कार्रवाई न हुई हो.
- पूर्व में जिला और मंडल के पदाधिकारी रहे हों.


कब होंगे जिला-मंडल अध्यक्ष के चुनाव
प्रदेश में चुनाव अभियान की शुरुआत बूथों के गठन की प्रक्रिया से हुई थी. अब बारी बीजेपी के मंडलों और जिला अध्यक्ष के चुनाव की है. 15 दिसंबर तक मंडल अध्यक्ष और 30 दिसंबर तक बीजेपी जिलाध्यक्ष के चुनाव होने हैं. इसकी को लेकर सभी 6 संगठनात्मक क्षेत्र में चुनावी बैठकें हुईं. इन क्षेत्रीय बैठकों में प्रदेश के सह चुनाव अधिकारी पर्यवेक्षक क्षेत्रीय अध्यक्ष जिला प्रभारी जिला अध्यक्ष जिला चुनाव अधिकारी जिला शहर चुनाव अधिकारी मंडल संगठन पर्व सहयोगी शामिल हुए.


पश्चिम क्षेत्र की बैठक राष्ट्रीय महामंत्री और केंद्रीय चुनाव पर्यवेक्षक विनोद तावड़े जबकि कानपुर क्षेत्र की बैठक प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और अवध क्षेत्र की बैठक प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने ली. पश्चिम क्षेत्र की बैठक मंगलवार को गाजियाबाद में हुई जबकि अवध क्षेत्र की बैठक लखनऊ, ब्रज क्षेत्र की बैठक आगरा में हुई. जिसमें प्रदेश के शहर प्रभारी संजय भाटिया मौजूद रहे. गोरखपुर क्षेत्र की बैठक प्रदेश चुनाव प्रभारी डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडे ने ली. प्रदेश के सह प्रभारी संजीव चौरसिया ने वाराणसी में काशी क्षेत्र की बैठक ली.


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