Hariyana chunav Parinam 2024: विधानसभा हो या लोकसभा चुनाव बीते कुछ इलेक्शन के नतीजे बसपा के लिए निराशाजनक रहे हैं. लोकसभा चुनाव 2024 में शून्य पर सिमटी बसपा के लिए हरियाणा विधानसभा चुनाव से गुड न्यूज आती दिख रही है. हालांकि हरियाणा में कई सीटों पर बसपा ने अच्छा प्रदर्शन किया. भिवानी विधानसभा सीट पर बसपा उम्मीदवार अतरलाल दूसरे स्थान पर रहे. वहीं कई सीटों पर बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी को मिले वोटों ने कांग्रेस का खेल बिगाड़ा. हरियाणा में बसपा प्रमुख मायावती ने इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) के साथ गठबंधन किया है. गठबंधन के तहत बसपा ने 37 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं. जबकि 53 सीटों पर INLD ने उम्मीदवार उतारे थे. असांध सीट पर बसपा अतरलाल महज 3085 वोटों से चुनाव हार गए. 


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बसपा वोट शेयर
निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के अनुसार बसपा की सहयोगी इनेलो को दो सीटें जीतीं. बसपा चुनाव में भले कोई सीट नहीं जीत पाई हो लेकिन उसे चुनाव में 1.82 फीसदी वोट मिले जो जेजेपी और आप से ज्यादा हैं. जजपा के मत प्रतिशत में भारी नुकसान हुआ, जो 2019 में 15 प्रतिशत से घटकर 0.90 प्रतिशत रह गया, जब उसने 10 सीट जीती थीं. अकेले चुनाव लड़ने वाली ‘आप’ को पिछले विधानसभा चुनाव के 0.48 प्रतिशत के मुकाबले 1.79 प्रतिशत वोट मिले. 


हरियाणा नतीजों पर  मायावती का बयान
बसपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार को हरियाणा विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद आरोप लगाया कि जाट समाज के ‘‘जातिवादी’’ लोगों ने बसपा को वोट नहीं दिया. इनेलो के गठबंधन से हरियाणा के चुनाव में उतरी बसपा को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली.


यहां बीजेपी प्रत्याशी योगिंदर सिंह राणा को 54761 वोट मिले और उन्हें कांग्रेस के शमशेर सिंह गोगी को 2306 वोटों से हराया. यहां तीसरे नंबर पर बसपा के गोपाल सिंह रहे, जिन्हें 27396 वोट हासिल हुए. बदखल विधानसभा सीट पर बीजेपी के धनेश अदलखा 6181 वोटों से जीते और उन्होंने कांग्रेस के विजय प्रताप सिंह को 6181 वोटों से हराया. यहां बसपा प्रत्याशी मनोज चौधरी को 2493 वोट मिले. यहां आम आदमी पार्टी जैसे छोटे दलों को मिला दें तो कांग्रेस को खासा नुकसान पहुंचा.दादरी विधानसभा सीट पर भी कांग्रेस को आम आदमी पार्टी ने नुकसान पहुंचाया.

कौन हैं बसपा प्रत्याशी अतरलाल?


भिवानी से बसपा उम्मीदवार अतर लाल महेंद्रगढ़ जिले के कनीनी ब्लॉक के धनौंदा गांव के रहने वाले हैं. इससे पहले वह 2014 में वह निर्दलीय चुनाव लड़े थे लेकिन नतीजे आए तो सातवें नंबर पर रहे. लेकिन 2019 में उन्होंने जोरदार वापसी की और बसपा के सिंबल पर चुनाव लड़ा और 37 हजार वोट हासिल किए. चुनाव जीतने में वह असफल रहे लेकिन नतीजों में वह दूसरे नंबर पर रहे. 


बसपा-इनेलो को कितनी सीटें 
विधानसभा चुनाव  2019 में पार्टी वाइज वोट देखें तो बसपा ने 87 सीटों पर  अपने उम्मीदवार उतारे थे, पार्टी कोई भी सीट नहीं जीत पाई. साथ ही 82 सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई. इस चुनाव में बसपा को 4.14 प्रतिशत वोट मिले थे. वहीं इनेलो ने बिना किसी दल से गठबंधन किए अकेले चुनाव लड़ा था. 81 सीटों पर पार्टी ने उम्मीदवार उतारे, जिसमें 1 सीट ऐलनाबाद में ही उसे जीत मिली थी. 78 सीटों पर पार्टी की जमानत जब्त हो गई. पार्टी का वोट शेयर 2.44 प्रतिशत था.


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