Ghaziabad by election 2024: गाजियाबाद विधानसभा सीट उन 10 विधानसभा क्षेत्रों में से एक है, जहां उपचुनाव होना है. यह सीट यहां से बीजेपी विधायक अतुल गर्ग के सांसद बनने के बाद खाली हुई है. इस सीट पर 20 साल पहले उपचुनाव हुआ था. दिलचस्प बात यह है कि तब भी यहां के विधायक चुनाव जीतकर सांसद बने थे, उपचुनाव हुआ तो समाजवादी पार्टी प्रत्याशी ने परचम लहराया. वही एक मौका था जब इस सीट पर साइकिल चली थी, 2004 से पहले और उसके बाद अब तक यहां सपा की जीत का सूखा बरकरार है. 


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2017 से बीजेपी के पास सीट
गाजियाबाद विधानसभा सीट पर 2017 से बीजेपी का कब्जा बरकरार है. 2017 और 2022 विधानसभा चुनाव में यहां से बीजेपी उम्मीदवार अतुल गर्ग जीते थे. बीजेपी के सामने जीत की हैट्रिक लगाने की चुनौती होगी तो सपा-बसपा उपचुनाव में परिणाम बदलने की कोशिश करेंगे, ऐसे में चुनाव रोमांचक होने की उम्मीद है. 


बीजेपी की जीत का अंतर घटा
2022 विधानसभा चुनाव में अतुल गर्ग ने यहां से करीब एक लाख वोटों से जीत दर्ज की थी लेकिन लोकसभा चुनाव में अतुल गर्ग इस विधानसभा सीट से 63,256 वोट की लीड ही ले पाए यानी यहां जीत का अंतर कम हुआ है. यहां कुल वोट करीब 2 लाख 27 हजार पड़े. जिसमें अतुल गर्ग को 1 लाख 37 हजार वोट मिले जबकि कांग्रेस की डॉली शर्मा को करीब 74 हजार मत मिले. हालांकि फिर भी इसको बीजेपी की सेफ सीट में गिना जाता है लेकिन सपा और कांग्रेस के साथ आने से उपचुनाव में रोचक लड़ाई देखने को मिल सकती है. 


सीट के सियासी समीकरण
गाजियाबाद विधानसभा सीट पर 1991 के बाद ज्यादातर बीजेपी का कब्जा रहा है. 2002 में यहां कांग्रेस के सिंबल पर प्रकाश गोयल विधायक बने थे जबकि 2004 में सपा उम्मीदवार सुरेंद्र कुमार मुन्नी ने जीत दर्ज की थी. गाजियाबाद विधानसभा सीट पर वैश्य, एससी वोटर निर्णायक भूमिका में हैं. इसलिए ज्यादातर पार्टियां इन्हीं पर दांव लगाती हैं. 


2004 में कांटे के मुकाबले में जीती सपा
2004 में इस सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की थी. सपा उम्मीदवार सुरेंद्र कुमार मुन्नी ने करीब 12 हजार वोटों से कांग्रेस उम्मीदवार को हराया था. सपा प्रत्याशी को करीब 64 हजार, कांग्रेस उम्मीदवार को 52 हजार 700, भाजपा उम्मीदवार सुनीता दयाल को 44 हजार और बसपा के मुनीश वर्मा को 42 हजार वोट मिले थे. 


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