MP Vidhan Sabha Chunav result 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के लिए नतीजा सिफर की ओर रहा है. यहां इंडिया गठबंधन में सीटों को लेकर अखिलेश यादव और कांग्रेस के बीच काफी तूतू-मैं मैं हुई थी. अखिलेश ने साफ तौर पर आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने गठबंधन को लेकर उनसे बातचीत की थी. सात सीटें उन्हें देने की बात हो रही थी, लेकिन बाद में कांग्रेस मुकर गई. इसके बाद यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय को अखिलेश द्वारा चिरकुट कहने, अखिलेश-वखिलेश जैसे बयानों से दोनों पार्टियों के बीच माहौल बिगड़ा था. नतीजों के बाद गठबंधन में कांग्रेस की साख और कमजोर होना तय है. 


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देश के पांचों राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के बाद अब रिजल्ट आ गया है. 3 दिसंबर रविवार को चार राज्यों (राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना) के नतीजे सामने आए. मध्यप्रदेश, राजस्थान के साथ छत्तीसगढ़ में भी भारतीय जनता पार्टी (BJP) पूरी तरह से कांग्रेस (Congress) पर भारी पड़ी. माना जा रहा था कि अगर एमपी और राजस्थान में बहुमत से दल दूर रहे तो उनमें छोटे दलों की भूमिका भी अहम साबित हो सकती है. सपा भी खुद को किंगमेकर की भूमिका में देख रही थी, लेकिन उसका खाता नहीं खुला.


एमपी में 46 सीटों पर सपा ने उतारे प्रत्याशी
समाजावादी पार्टी ने इस बार मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कुल 46 सीटों पर प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं. लेकिन नतीजा सिफर रहा. राजस्थान में बीजेपी 115 और कांग्रेस को 69 सीटें मिलीं. अन्य के खाते में भी आठ सीटें आईं. एग्जिट पोल में भी एबीपी सी वोटर, न्यूज 24 चाणक्य, आजतक एक्सिस, रिपब्लिक मैट्रिज और टाइम्स नाऊ इटीजी के के सर्वे में सपा को शून्य सीटें दी गई हैं.


2003 में जीती थीं सर्वाधिक सात सीटें 
समाजवादी पार्टी ने साल 2003 में हुए एमपी विधानसभा चुनाव में सात सीटों पर जीत दर्ज की थी. 2018 में समाजवादी पार्टी ने 52 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें केवल एक सीट सपा के खाते में गई थी जबकि 5 सीटों पर सपा नंबर दो और चार सीटों पर तीसरे स्थान पर रही थी. हालांकि 45 सीटों पर उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई. पार्टी को कुल मतदान में से 4 लाख 96 हजार 25 वोट मिले थे जो कुल मतदान का 1.30 फीसदी हिस्सा था. 


यूपी से सटे जिलों में पकड़ 
राजनीतिक जानकारों की मानें तो उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे बुंदेलखंड और विध्य में पार्टी का प्रभाव देखने को मिलता है. इसमें बुंदेलखंड की 26 सीटें भी शामिल हैं. 2018 में कांग्रेस को सबसे ज्यादा सीटें मिली थीं, लेकिन बहुमत से दूर रह गई थी. ऐसे में कांग्रेस ने बसपा और सपा विधायकों के सहयोग से सरकार बनाई थी. 


राजस्थान में 5 सीटों पर उतारे प्रत्याशी
समाजवादी पार्टी ने राजस्थान विधानसभा चुनाव में भी पांच उम्मीदवार उतार कर कांग्रेस के सामने चुनौती खड़ी कर दी है. सपा ने यहां अलवर जिले की राजगढ़-लक्ष्मणगढ़, थानागाजी, धौलपुर, नदबई और नगर सीट पर प्रत्याशी उतारे हैं. सपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी पार्टी यहां अच्छा प्रदर्शन करेगी. 2018 के चुनाव में पार्टी ने यहां से पांच प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन सभी में हार मिली. हालांकि सपा को 7.56 प्रतिशत वोट शेयर जरूर मिला था. राजस्थान में सपा को 15 साल पहले 2008 में एक सीट पर जीत मिली थी.


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