UP Bypolls 2024: कौन बनेगा मिल्कीपुर का मालिक, अयोध्या की हार की बदला चुकाने को बेताब बीजेपी तो अवधेश के भरोसे अखिलेश
UP Bypolls 2024: यूपी उपचुनाव की तारीखों का ऐलान आज यानी 15 अक्टूबर को हो सकता है. उपचुनाव की सबसे हॉट सीट मिल्कीपुर है, जो अयोध्या में आती है. बीजेपी इसे जीतकर खोई साख वापस लौटाना चाहती है जबकि सपा इसे पास रखने जोर लगा रही है.
Milkipur Byelection 2024: यूपी उपचुनाव की तारीखों का ऐलान आज यानी 15 अक्टूबर को हो सकता है. यूपी विधानसभा उपचुनाव को लेकर सभी पार्टियां दमखम से जुटी हुई हैं लेकिन उपचुनाव की सबसे हॉट सीट मिल्कीपुर है, जो अयोध्या में आती है. बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती है कि है मिल्कीपुर जीतकर अपनी खोई हुई साख वापस लौटाना जबकि सपा इस सीट को अपने पास रखने के लिए पूरा जोर लगा रही है.
सीएम योगी ने संभाली कमान
सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने खुद मिल्कीपुर की कमान अपने हाथ में ले रखी है. वहीं समाजवादी पार्टी ने भी लाल बिहारी यादव और अवधेश प्रसाद को मिल्कीपुर की कमान सौंपी है. कांग्रेस ने भी अपने सबसे पुराने और कद्दावर नेता अखिलेश प्रताप सिंह को वहां का पर्यवेक्षक बनाया है.
अवधेश के बेटे हो सकते हैं सपा प्रत्याशी
2022 विधानसभा चुनाव में यहां सपा के अवधेश वर्मा ने बीजेपी के बाबा गोरखनाथ को 12 हजार 923 वोटों से चुनाव हराया था. 2024 लोकसभा चुनाव में भी इस सीट से लल्लू सिंह 7733 वोटों से हारे थे. बीजेपी के गोरखनाथ 2017 में पहली बार इस सीट से विधायक बने थे. उपचुनाव को लेकर सपा और बीजेपी मजबूत प्रत्याशियों की तलाश में जुटी है. सूत्रों के मुताबिक सपा यहां से फिर पीडीए कार्ड खेल सकती है.अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को मैदान में उतार सकती है.
बीजेपी किस पर लगाएगी दांव?
संभावित प्रत्याशियों में बीजेपी से बाबा गोरखनाथ, पूर्व विधायक रामू प्रियदर्शी समेत लंबी लाइन है. इनमें पासी समाज से आने वाले कई नेता शामिल हैं. उम्मीदवार के चयन में पार्टी को तगड़ी माथापच्ची करनी होगा. फिलहाल संगठन जीत-हार की संभावनाओं के गुणा-गणित को तय करने में जुट गया है.
1967 में बनी सीट, सपा का रहा दबदबा
मिल्कीपुर सीट साल 1967 में आस्तित्व में आई. यह 2008 से पहले यह सामान्य सीट हुआ करती थी लेकिन परिसीमन के बाद यह एससी के लिए रिजर्व है. यहां कांग्रेस, जनसंघ और सीपीआई, बीजेपी, बसपा और सपा परचम लहरा चुके हैं. इस सीट पर सबसे ज्यादा सपा और सीपीआई 4-4 बार बाजी मारने में कामयाब रहे. कांग्रेस को यहां तीन बार, बीजेपी दो बार जबकि एक-एक बार जनसंघ और बसपा ने जीत हासिल की.
पासी वोटर सबसे ज्यादा
यहां कुल वोटर करीब 3 लाख 40 हजार हैं. अनुमानित आंकड़े देखें तो यहां 55 हजार पासी, 60 हजार ब्राह्मण, 55 हजार यादव, 30 हजार मुस्लिम, 25 हजार दलित, 25 हजार ठाकुर, कोरी 20 हजार, चौरसिया 18 हजार, वैश्य 12 हजार, पाल सात हजार, मौर्य पांच हजार, अन्य 28 हजार हैं.