नेताओं की जंग अफसरों तक पहुंची, भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने पूछी अफसरों की जाति तो गरमाई राजनीति
UP News: उत्तर प्रदेश की नगीना लोकसभा सीट से सांसद और भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर रावण ने यूपी के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. इस पत्र में उनके द्वारा राज्य में तैनात अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के प्रतिनिधित्व के संबंधी जानकारी मांगी है. पढ़िए पूरी खबर ...
Chandrashekhar Letter: उत्तर प्रदेश की नगीना लोकसभा सीट से सांसद और भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर रावण ने यूपी के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. इस पत्र में उनके द्वारा राज्य में तैनात अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के प्रतिनिधित्व के संबंधी जानकारी मांगी है. अपने पत्र में चंद्रशेखर ने कुल 7 सवालों का जवाब मांगा है.
पत्र में क्या लिखा
मुख्य सचिव को लिखे पत्र में नगीना सांसद चंद्रशेखर रावण ने लिखा कि वह मुख्य सचिव का ध्यान कई एससी/एसटी संगठनों के द्वारा पहले भी उठाए गए एक बेहज ही महत्वपूर्ण मुद्दे की ओर लेकर जाना चाहते हैं. वर्तमान में उत्तर प्रदेश की लगभग 25 करोड़ की आबादी में तकरीबन 22% आबादी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की है. इसके साथ ही राज्य में अब 75 जिले हैं. भारत के संविधान ने भी जाति के आधार पर शोषण और गैर बराबरी को खत्म करने के लिए अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति को प्रतिनिधित्व करने के लिए आरक्षण देता है.
उत्तर प्रदेश की चिंता
आगे लिखते हुए उन्होंने कहा कि उनकी चिंता इस समय उत्तर प्रदेश को लेकर है. क्योंकि यूपी में जाति आधारित उत्पीड़न, शोषण, अपराध व हिंसा की घटनाएं कम होने की बजाए दिनोंदिन बढ़ती जा रही हैं. हारीन करने वाली बात तो और यह है कि अन्याय, अत्याचार व उत्पीड़न होने पर पिछड़ा वर्ग के लोगों की थाने में FIR नहीं लिखी जाती है. बल्कि वापस भगा दिया जाता है. कई बार तो पीड़ितों के द्वारा दी गई तहरीर को पुलिस किसी को पता लगे बिना बदल देती है.
वंचित वर्गों को नहीं मिलता प्रतिनिधित्व
यह समस्याएं इसलिए बढ़ती जा रही है कि निर्णय लेने वाले पदों पर वंचित वर्गों (पिछड़ा वर्ग) के अधिकारियों, कर्मचारियों, पुलिसकर्मियों को प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं दिया जाना है. साफ स्पष्ट शब्दों में कहें तो जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, अपर पुलिस अधीक्षक व थानाध्यक्षों की नियुक्ति जाति देखकर करनी चाहिए. इसलिए भारत की संसद के एक सदस्य होने के साथ-साथ गृह संबंधी मामलों की संसदीय समिति और SC/ST कल्याण संबंधी संसदीय समिति का सदस्य होने के रूप में मैं इन आरोपों की तह तक जाकर सारी सच्चाई समझना चाहता हूं.
सात सवालों के मांगे जवाब
पत्र के अंत में चंद्रशेखर ने कुल 7 सवालों के जवाब मांगे हैं. वे 7 सवाल निम्नलिखित हैं.
1. उत्तर प्रदेश के विभिन्न विभागों में कितने अपर मुख्य सचिव और मुख्य सचिव और सचिव SC/ST वर्ग के तैनात हैं?
2. उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग से कितने जिलाधिकारी और अपर जिलाधिकारी कार्यरत हैं?
3. उत्तर प्रदेश के 18 मंडलों में कितने कमिश्नर SC/ST वर्ग के हैं?
4. प्रदेश के कितने जिलों में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक SC/ST वर्ग के हैं?
5. प्रदेश के किस जोन में ADG और IG व किस रेंज में DIG SC/ST वर्गों से आते हैं?
6. प्रदेश के कितने पुलिस महानिदेशक (DG) व कितने अपर पुलिस महानिदेशक अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग से आते हैं?
7. प्रदेश के 75 जिलों में कोतवाली और थानों में कितने प्रभारी निरीक्षक अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्गों से तैनात किए गए हैं?
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