Rajesh Pilot: लोनी से भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर ने पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता रहे राजेश पायलट को भारत रत्‍न देने की मांग की है. भाजपा विधायक ने पीएम मोदी को एक पत्र भी खिला है. तो आइये जानते हैं कौन हैं राजेश पायलट?, जिन्‍होंने भारत रत्‍न देने की मांग तेज हो गई है. 


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कौन हैं राजेश पायलट 
राजेश पायलट का जन्‍म 10 फरवरी, 1945 को गाजियाबाद के वेदपुरा में हुआ था. उनके पिता का नाम जय दयाल सिंह था. राजेश पायलट ने मेरठ विश्वविद्यालय, मेरठ और नई दिल्ली से फ्लाइंग एजूकेशन में अपना ग्रेजुएशन पूरा किया. राजेश पायलट का जन्म भले उत्‍तर प्रदेश में हुआ था, लेकिन उनकी कर्मभूमि हमेशा से राजस्थान रही. राजेश पायलट ने अपना जीवन दूध बेचने से शुरू किया और बाद में एयरफोर्स के पायलट हो गए. राजेश्वर प्रसाद से राजेश पायलट बनने की उनकी यात्रा बेहद खास है. 


सचिन पायलट भी नक्‍शेकदम पर चल रहे 
राजेश पायलट की शादी 1974 को रमा पायलट के साथ हुई थी. राजेश पायलट के एक बेटा सचिन पायलट और एक बेटी सारिका पायलट हैं. सचिन पायलट भी पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए राजनीति कर रहे हैं. सचिन पायलट की शादी फारूक अब्दुल्ला की बेटी सारा से हुई है. राजेश पायलट का 29 अक्‍टूबर 1966 में भारतीय वायुसेना में चयन हुआ. इसके बाद साल 1979 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के प्रभाव में उन्‍होंने वायु सेना की नौकरी छोड़ दी. 


राजनीत में अच्‍छा कद बढ़ा
बस यहीं से राजेश पायलट ने राजनीत में कदम रखा. सातवीं लोकसभा में चुनाव में भरतपुर से चुनाव लड़ा और जीत मिली. इसके बाद राजस्‍थान के दौसा से अगला लोकसभा का चुनाव लड़ा, इसमें भी राजेश पायलट को जीत मिली. फ‍िर उन्‍हें मंत्री भी बनाया गया. 10वीं लोकसभा चुनाव में एक बार फ‍िर चुनाव लड़ा और जीत मिलने के बाद मंत्री बनाया गया. 1992 में कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य भी बनाए गए. 1995-1996 में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री रहे. 


पीएम को खिले पत्र में क्‍या?
भाजपा विधायक ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि राजेश पायलट का जन्‍म साधारण किसान परिवार में हुआ था. विपरीत परिस्थितियों में भी संघर्ष करते हुए राजेश पायलट ने भारतीय वायुसेना में स्‍क्‍वाडन लीडर बने, साथ ही 1971 की लड़ाई में भी योगदान दिया, उनके शौर्य सेवा के लिए उन्‍हें सम्‍मानित भी किया गया. इसके अलावा उन्‍होंने जम्‍मू कश्‍मीर और पंजाब में आंतकवाद को शांत कराया. किसानों की आवाज भी बने. ऐसे में राजेश पायलट को भारत रत्‍न दिया जाए. 


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