Akhilesh Yadav gets CBI notice: समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को सीबीआई ने नोटिस भेजा है. सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को अखिलेश यादव को पूछताछ के लिए बुलाया है. उनको यह नोटिस अवैध खनन मामले में भेजा गया है. नोटिस में कहा गया है कि जवाब देने के लिए अखिलेश यादव को सीबीआई के सामने उपस्थित होना होगा.


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21 फरवरी को जारी किया गया था नोटिस
केंद्रीय जांच एजेंसी ने अखिलेश को सीआरपीसी की धारा 160 के तहत नोटिस जारी किया है. बता दें कि 21 फरवरी को ये नोटिस सीबीआई की ओर से जारी किया गया था. उन्हें बतौर गवाह सीबीआई दफ्तर में दिल्ली में पेश होने के लिए कहा गया है. यह अवैध खनन घोटाले का 2016 का मामला है. हाईकोर्ट के आदेश पर इस मामले की जांच चल रही है. 2016 से घोटाले की जांच चल रही है. यह हमीरपुर का मामला है. तब अखिलेश उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और खनन मंत्री थे.



2012 से 2016 के बीच का है मामला 
अखिलेश को जनवरी 2019 में दर्ज की गई सीबीआई की उस एफआईआर के संबंध में तलब किया गया है, जो हमीरपुर में 2012-2016 के बीच कथित अवैध खनन से संबंधित है. जनवरी 2019 में तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट, खनन अधिकारी और अन्य सहित कई लोक सेवकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. एफआईआर में आरोप है कि सरकारी कर्मचारियों ने हमीरपुर में खनिजों का अवैध खनन होने दिया. एफआईआर में कहा गया है कि आपराधिक साजिश में सरकारी कर्मचारियों ने निविदा प्रक्रिया का पालन किए बिना अवैध रूप से नए पट्टे और नवीकरण पट्टे दिए. लोगों को अवैध रूप से छोटे खनिजों का उत्खनन करने की अनुमति दी गई. साथ ही लघु खनिजों की चोरी करने और धन उगाही करने की अनुमति दी गई.



इसको लेकर सपा प्रवक्ता अमीक जामेई ने सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, "विपक्ष में जो सबसे बड़ी ताकत है वो अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी है.  देश की सरकार को लग रहा है कि अगर समाजवादियों को ईडी और सीबीआई लगाकर डरा धमका लेंगे तो सपा सरेंडर कर देगी तो उनको किसी गलतफहमी में रहने की बीजेपी को जरूरत नहीं है. सपा ईडी और सीबीआई से डरने वाली नहीं है."


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