ज्ञानवापी सर्वे पर भड़के सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य, केदारनाथ समेत हिन्दू मंदिरों की जांच की मांग उठा दी
Swami Prasad Maurya : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों मेंं रहते हैं. इससे पहले रामचरित मानस पर विवादित टिप्पणी देकर यूपी की राजनीति में सियासी जंग छेड़ दी थी. अब ज्ञानवापी मस्जिद के ASI सर्वे को लेकर बड़ी बात कही है.
Swami Prasad Maurya : अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार फिर चर्चा में हैं. वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर चल रहे ASI सर्वे को लेकर सपा नेता केदारनाथ मंदिर समेत हिन्दू तीर्थ स्थलों पर सवाल उठाए हैं.
सिर्फ मस्जिदों का सर्वे क्यों?
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि हिन्दू मंदिरों का भी सर्वे होना चाहिए. सिर्फ मस्जिदों की ही जांच क्यों हो रही है. अगर मस्जिद से पहले मंदिर था तो मंदिर से पहले क्या था. ऐसे में हिन्दू तीर्थ स्थलों का भी सर्वे किया जाना चाहिए.
ओम प्रकाश राजभर थूक के चाटने वाला इंसान
वहीं, ओम प्रकाश राजभर को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि उससे ज्यादा हल्का इंसान कोई नहीं है, वह थूक के चाटता है और मैं उसके स्तर तक कभी नहीं गिर सकता. पानी पीकर भाजपा को गाली देते थे आज वहीं चले गए. इसके अलावा सपा ने मणिपुर हिंस को लेकर भी सवाल उठाए.
मणिपुर हिंसा से ध्यान भटकाना चाहती है सरकार
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मणिपुर हिंसा से लोगों का ध्यान भटकाया जा रहा है. भाजपा तरह-तरह के मुद्दे ला रही है. इसमें एक पाकिस्तान से बिना वीजा के भारत आई सीमा हैदर का भी मुद्दा शामिल है. बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य इससे पहले रामचरित मानस की एक चौपाई को लेकर विवादित बयान दिया था. इससे यूपी की राजनीत में जंग छिड़ गई थी. यूपी समेत देशभर में प्रदर्शन भी किए गए थे. बता दें कि वाराणसी में ज्ञानवापी के ASI सर्वे को लेकर हिन्दू पक्ष आंदोलन करने जा रही है. हिन्दू पक्ष राम मंदिर आंदोलन की तरह ही ज्ञानवापी को जन आंदोलन का रूप देने में जुट गया है. वहीं, पहले का ज्ञानवापी कैसे था, इसका एक मॉडल तैयार किया है, जिसे जनता के बीच ले जाया जाएगा.
यह है हिन्दू पक्ष का दावा
हिन्दू पक्ष ने दावा किया है कि मुस्लिम आक्रांताओं के हमले से पहले आदि विशेश्वर (ज्ञानवापी) मंदिर इस मॉडल की तरह ही दिखता था. यह मॉडल वास्तुकारों की मदद से पुराने नक्श के आधार पर तैयार किया गया है. इसे बनाने में करीब दो साल का समय लगा है. 30 जुलाई को इस मॉडल को जनता के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा. इस दौरान विश्व हिन्दू परिषद के पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे.
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