UP Assembly Winter Session Updates: उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को सपा की ओर से जोरदार हंगामा देखने को मिला. खासकर सपा विधायक अतुल प्रधान कुछ ज्यादा ही जोश में नजर आए. दरअसल, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना जब बोलने खड़े हुए तो विपक्ष की ओर से तानाशाही नहीं चलेगी. साथ ही गली गली में शोर है...चोर है जैसे नारे भी लगाए गए. इस पर खन्ना ने कहा, ये बर्दाश्त नहीं होगा, ये ठीक नहीं है. इस प्रकार की भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकते. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से हस्तक्षेप की मांग की. इस पर सतीश महाना खड़े हुए. विधानसभा स्पीकर ने पहले विपक्षी विधायकों को प्यार से समझाया, लेकिन विपक्ष का गुस्सा शांत नहीं आया.


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महाना को गुस्सा क्यों आया
गली गली में शोर है.. और तानाशाही नहीं चलेगी जैसे जब लगातार विपक्षी सदस्यों की ओर से लगाए जाते रहे तो महाना ने विधायकों को उनकी सीट पर बैठने को कहा. अतुल प्रधान का नाम भी लिया. अतुल प्रधान इस पर भी नहीं माने तो महाना को गुस्सा आ गया. उन्होंने कहा, अतुल प्रधान आप हमेशा अनावश्यक शोरशराबा करते हैं. अगर सत्ता पक्ष के किसी सदस्य की ओर से कोई बात कल कही गई और मैंने कहा कि उसे रिकॉर्ड पर नहीं लिया जाएगा तो आज इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कतई ठीक नहीं है. उन्होंने कहा, ऐसी भाषा कतई बर्दाश्त नहीं होगी. अतुल प्रधान जब स्पीकर से बहस करने लगे तो महाना ने नाम लेकर कहा, अतुल प्रधान को बाहर निकालो, अतुल प्रधान को पूरे सत्र के लिए सदन से निष्कासित किया जाता है. 


इसके बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा में समाजवादी पार्टी के विधायक अतुल प्रधान को मार्शल ने सदन से बाहर निकाला, जिसके बाद उन्हें पूरे सत्र के लिए निष्कासित कर दिया गया.यह विवाद स्वास्थ्य के मुद्दे पर बहस के दौरान हुआ, जब अतुल प्रधान और राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण के बीच कहासुनी बढ़ गई. स्पीकर के हस्तक्षेप के बावजूद हंगामा थमने का नाम नहीं लिया.


अखिलेश यादव का बयान
अतुल प्रधान को सदन से बाहर निकालने पर अखिलेश यादव ने दिल्ली में कहा कि पीडीए की लड़ाई में बीजेपी के लोग घबराए हुए हैं. समय समय पर ऐसी भाषा सामने आ रही है. लोकसभा और यूपी विधानसभा में ऐसा व्यवहार बीजेपी के लोगों का है.विधायक को मार्शलों के जरिये बाहर निकाला गया. सरधना विधायक अतुल प्रधान से लेकर एलओपी और सपा विधायक अपनी बात रखना चाहते थे. लेकिन योगी सरकार जवाब से भागना चाहती है.


माताप्रसाद पांडेय ने भी रखी माफी की मांग
विधानसभा में नेता विपक्ष माताप्रसाद पांडेय ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने जो कहा कि इसके लिए उन्हें खेद जताना चाहिए. कल भी ये कहा कि कुछ पी लिए हो क्या, क्या खुराक मिल गई है. ये संसदीय भाषा नहीं है. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि मंत्री जी ने अपने वक्तव्य पर सफाई दी गई. लेकिन किसी मंत्री का नाम लेकर चोर-चोर कहना ठीक नहीं है.


स्वास्थ्य मंत्री के बयान पर विवाद क्यों
विपक्षी नेता की ओर से कहा गया कि आखिर ऐसा क्यों होता है, जब भी स्वास्थ्य मंत्री बोलते हैं तो विवाद क्यों होता है. तब क्यों उत्तेजना पैदा होती है. स्पीकर ने इस मुद्दे पर तमाम लोगों के विचार के बाद अनुपूरक बजट पर भी चर्चा स्थगित कर दी.यूपी विधानसभा सत्र गुरुवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.