विशाल सिंह/लखनऊ: यूपी में दस सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए बीजेपी के योद्धा चार जुलाई से अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में उतर जाएंगे. यह सभी करीब एक सप्ताह रहकर पूरी विधानसभा का सर्वे करेंगे. फिर इसके बाद वह अपनी रिपोर्ट भाजपा प्रदेश मुख्यालय को सौपेंगे. इस रिपोर्ट के आधार पर ही पार्टी चुनावी तैयारी की रणनीति तैयार करेगी.


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दस क्लस्टर के हिसाब से उपचुनाव लड़ने की रणनीति
बीजेपी दस क्लस्टर के हिसाब से उपचुनाव लड़ने की अपनी रणनीति बना रही है. दस क्लस्टर में दो से तीन मंत्रियों के साथ एक से दो बीजेपी पदाधिकारियों की टीम भी लगाई गई है. सरकार के मंत्रियों के साथ अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है.


सोशल इंजीनियरिंग समझेंगे नेता
इसके साथ वह क्षेत्र के प्रमुख लोगों और जातीय नेताओं के साथ बैठकर वहां की सोशल इंजीनियरिंग भी समझेंगे. एक-एक बूथ के जातीय गणित की भी वह रिपोर्ट बनाएंगे. इसके अलावा विधानसभा में आने वाले स्वयं सहायता समूहों, एनजीओ के साथ भी बैठक करेंगे. इसके अलावा मंत्री और पदाधिकारी स्थानीय धार्मिक गुरुओं के साथ मठ-मंदिरों के महंतों से भी मिलेंगे.


तैयार की जाएगी रिपोर्ट


सूत्रों का कहना है कि बीजेपी के यह मंत्री और पदाधिकारी संभावित दावेदारों की भी रिपोर्ट तैयार करेंगे. क्षेत्र में कौन सा दावेदार कितने दम-खम में है इसकी रिपोर्ट तैयार की जाएगी. उनकी लोकप्रियता कितनी है, उनके पास कितने संसाधन हैं यह रिपोर्ट भी तैयार करके यह मंत्री और पदाधिकारी भेजेंगे.


इनको भी जिम्मेदारी


इनमें कानपुर की सीसामऊ सीट पर वित्त मं‌त्री सुरेश खन्ना के साथ आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल को जिम्मेदारी दी गई है. उनके साथ भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मानवेंद्र सिंह को जिम्मा दिया गया है. इसी तरह जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और आशीष पटेल के साथ प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह को कटेहरी विधानसभा में लगाया गया है. एमएलसी अवनीश सिंह को मिल्कीपुर, विधायक भूपेश चौबे को मझवां की जिम्मेदारी दी गई है. सभी क्लस्टर में इसी तरह से मंत्रियों के साथ पदाधिकारियों को लगाया गया है.


समझेंगे विधानसभा में बूथ तक का संगठन का ढांचा
 सूत्रों के अनुसार उपचुनाव वाले विधानसभा क्षेत्रों में मंत्री और पदाधिकारी एक सप्ताह तक एक-एक पदाधिकारी से बात करेंगे. इस दौरान पहले वह विधानसभा में बूथ तक का संगठन का ढांचा समझेंगे जहां संगठन कमजोर है, वहां की रिपोर्ट तैयार करके वह प्रदेश मुख्यालय को देंगे.


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