UP Politics: कभी मायावती के भरोसेमंद सिपहसालार रहे इस नेता को अखिलेश ने दिया गच्चा, नहीं बनाया यूपी में नेता विपक्ष
UP Politics: उत्तर प्रदेश विधानसभा में बीजेपी के खिलाफ सबसे बड़ी समाजवादी पार्टी है. सपा ने नेता प्रतिपक्ष के नाम का ऐलान कर दिया. क़यास लगाए जा रहे थे कि ये पद घर में रहेगा या बाहर वाले को मिलेगा
UP Politics: उत्तर प्रदेश विधान परिषद (Uttar Pradesh Legislative Council) में लाल बिहारी यादव का नेता प्रतिपक्ष बनना लगभग तय माना जा रहा है. लेकिन समाजवादी पार्टी ने 81 वर्षीय माताप्रसाद पांडे को उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष का नेता बनाया है. सपा सूत्रों के मुताबिक विधानसभा में रामअचल राजभर और इंद्रजीत सरोज में से किसी एक को नेता प्रतिपक्ष बनाने की खबर थी. लेकिन सपा ने बुजुर्ग माता प्रसाद पांडे को तरजीह दी.
जसवंतनगर से विधायक हैं शिवपाल यादव
शिवपाल यादव के नाम पर मोहर लगना लगभग तय माना जा रहा था. शिवपाल यादव अभी यूपी की जसवंतनगर सीट से विधायक हैं. इस सत्र के शुरू होने से पहले पार्टी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का नाम तय करना था. गौरतलब है कि बीते लोकसभा चुनाव में सपा के कई विधायक लोकसभा का चुनाव लड़े थे.
मानसून सत्र हंगामेदार
उत्तर प्रदेश विधानसभा और विधान परिषद का मानसून सत्र इस बार काफी हंगामेदार रहा. सत्र के दौरान समाजवादी पार्टी सहित विपक्षी दल कई मुद्दों को लेकर आक्रामक दिखाई दी. हालांकि इस बार नेता प्रतिपक्ष के रूप में सपा मुखिया अखिलेश यादव शामिल नहीं होंगे. यूपी विधानसभा का मानसून सत्र 29 जुलाई से सुबह 11 बजे शुरू हुआ था. इसको लेकर विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे की ओर से पत्र जारी हो गया है. इस सत्र में सपा, कांग्रेस किसानों, बेरोजगारी, मकान तोड़ने और जातीय जनगणना के मुद्दे पर सरकार को घेर सकता है. फिलहाल अभी नेता प्रतिपक्ष की सीट अखिलेश यादव के इस्तीफा देने के बाद से खाली है. यूपी विधानसभा में सबसे बड़ा दल बीजेपी है. बीजेपी के बाद सबसे ज्यादा सपा के विधायक हैं.
बता दें कि लोकसभा चुनावों के बाद उत्तर प्रदेश में विधानसभा का यह पहला सत्र होगा. चुनाव में समाजवादी पार्टी ने 37 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि भाजपा 34 सीटें जीतने में ही कामयाब हो पाया.