विशाल सिंह/लखनऊ : लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने संगठन में कसावट लाना तेज कर दिया है. इसी कड़ी में यूपी बीजेपी सांसदों को अपना रिपोर्ट कार्ड तैयार करना होगा. रिपोर्ट कार्ड और परफॉर्मेंस के आधार पर लोकसभा टिकट मिलेगी. यूपी संगठन के सामने सांसदों को अपना रिपोर्ट कार्ड पेश करना होगा. रिपोर्ट कार्ड में सांसदों को बताना होगा कि वो चुनाव जीतने के बाद कितना जनता के बीच गए. रिपोर्ट कार्ड में सांसदों को बताना होगा कि कितनी योजनाएं उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र में शुरू की. केंद्र और राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं की उनके लोकसभा क्षेत्र में क्या स्थिति है. अभी कितनी योजनाएं बाकी हैं. मौजूदा समय में सांसद निधि का कितना पैसा खर्च कर दिया, इसी तरह कितनी शेष राशि बची है. केंद्र और यूपी की कितनी योजनाएं संसदीय क्षेत्र में जमीनी स्तर पर लोगों को मुहैया हुई है. 


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कार्यकाल के दौरान संगठन के कितने कार्यक्रम और बैठकों में मौजूद रहे और जिन बैठकों में नहीं रहे उसकी वजह क्या रही. क्षेत्र के भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ कैसा व्यवहार रहा. क्षेत्र की मौजूदा जातीय और राजनीतिक स्थिति कैसी है. कितने लोगों को पार्टी के सदस्यता अभियान में जोड़ा है. बताया जा रहा है कि यह रिपोर्ट कार्ड केंद्रीय चुनाव समिति को भेजा जाएगा. चुनाव जीतने के बाद अपने संसदीय क्षेत्र से दूर रहना तमाम प्रत्याशियों को महंगा पड़ सकता है. 28 नवंबर के बाद से पेश होना शुरू होंगे सांसदों के रिपोर्ट कार्ड. सबसे पहले बुंदेलखंड क्षेत्र से शुरुआत होगी. उसके बाद पश्चिम क्षेत्र के सांसदों को अपना रिपोर्ट कार्ड पेश करना होगा.


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