UP CM Yogi Adityanath Hoardings in Mumbai: महाराष्ट्र में BJP के हिन्दुत्व मॉडल के पोस्टर ब्वॉय योगी आदित्यनाथ छा गए हैं. मुंबई के अंधेरी ईस्ट, वेस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे और बांद्रा इलाके में उनकी होर्डिंग्स लगी हैं.  इन होर्डिंग पर योगी की तस्वीर के साथ "बंटेंगे तो कटेंगे" का नारा लिखा है. हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद अब महाराष्ट्र चुनाव में योगी के इस नारे की एंट्री हुई है. 


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राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बीजेपी महाराष्ट्र में हिन्दुत्व के सबसे प्रखर चेहरे के तौर पर उभरे सीएम योगी आदित्यनाथ की छवि को भुनाना चाहती है. बांग्लादेश हिंसा हो या बहराइच में दुर्गा विसर्जन विवाद के दौरान उपद्रव... सीएम योगी ने जिस तरह से तेवर दिखाए हैं, इसमें भाजपा को भविष्य की बड़ी उम्मीदें दिखाई दे रही हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ देश में पीएम मोदी के बाद बीजेपी के सबसे ज्यादा मांग वाले नेता हैं. बंगाल-त्रिपुरा से लेकर कर्नाटक-तेलंगाना तक सीएम योगी की चुनाव प्रचार में जबरदस्त मांग रहती है. आपराधिक मामलों में बाबा बुलडोजर का एक्शन का मॉडल न केवल बीजेपीशासित राज्य बल्कि विपक्षी राज्यों को भी भा रहा है. कांग्रेसशासित हिमाचल और आम आदमी पार्टी के शासन वाले पंजाब भी ऐसा साफ देखने को मिल रहा है. 


वहीं हरियाणा विधानसभा चुनाव की तरह बीजेपी यहां भी हिन्दुत्व के मुद्दे पर ध्रुवीकरण की कोशिश में है. मराठा आरक्षण और ओबीसी को अलग-थलग करने की विपक्ष की कोशिश कामयाब रही तो भाजपा को वहां लोकसभा चुनाव जैसा हश्र देखने को मिल सकता है. लिहाजा हिन्दू वोटों के ध्रुवीकरण के प्रयास को भी इसकी बड़ी वजह माना जा रहा है. महाराष्ट्र में काफी संख्या में उत्तर भारतीय रहते हैं, जिनका वोट भी चुनाव नतीजों का रुख बदल सकता है. लिहाजा सीएम योगी के जरिये पार्टी उत्तर भारतीय खासकर पूर्वांचल के वोटरों को अपने पाले में लाने की भरपूर कोशिश करेगी.


कुछ राजनीतिक जानकार सीएम योगी के पोस्टर को अमित शाह-संजय राउत की फोन पर कथित बातचीत से भी जोड़कर देख रहे हैं. उनका कहना है कि भगवा पार्टी यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि अगर उद्धव ठाकरे और शिवसेना का शिंदे गुट फिर से एक हो जाते हैं तो बड़ा बदलाव महाराष्ट्र की राजनीति में देखने को मिल सकता है. ऐसी संभावना से इनकार भी नहीं किया जा सकता. बिहार इसका उदाहरण है, जहां नीतीश कुमार के लिए दरवाजे बंद करने की बात कहने वाली भाजपा ने आखिर वहां जेडीयू से हाथ मिलाया और समीकरण बदल गए. महाराष्ट्र में कांग्रेस और शिवसेना ठाकरे गुट के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर चल रही उठापटक को देखते हुए ऐसा हो भी सकता है. शिवसेना और भाजपा दोनों के ही आक्रामक हिन्दुत्व विचारधारा से जुड़े होने के कारण भी ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं.