UP Electricity Rate: उत्तर प्रदेश की जनता के लिए राहत भरी खबर है. दरअसल सरकार ने बिजली की दरें न बढ़ाने का निर्णय लिया है. इस संबंध में पावर कॉरपोरेशन के सभी प्रस्ताव खारिज कर दिए गए हैं. आपको बता दें कि यह लगातार पांचवा वर्ष है जिसमें कि बिजली की दरें नहीं बढ़ाई गई हैं. बीते कुछ दिनों से बिजली की दरें बढ़ाए जाने को लेकर चर्चा चल रही थी. इस बीच उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद का मत है कि जब आम आदमी का बिजली कंपनियों पर 33,122 करोड़ रुपये सरप्लस निकल रहा है तब बिजली की मौजूदा दरों में कटौती की जानी चाहिए.


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बता दें कि विद्युत अधिनियम 2003 के तहत बिजली कंपनियों की तरफ से दाखिल एआरआर (वार्षिक राजस्व आवश्यकता) प्रस्ताव के स्वीकारे जाने से 4 महीनों के भीतर नियामक आयोग बिजली की नई दरें घोषित करता है. गौरतलब है कि सरप्लस के बदले में उपभोक्ता परिषद लगातार बिजली की दरों में कमी किए जाने की मांग करता रहा है.


इस बीच बिजली चोरी रोकने के लिए भी सरकार सख्त है. उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन ने कम राजस्व वसूली, बिजली चोरी के चलते तकनीकी व कमर्शियल नुकसान के लिए कसूरवार बुलंदशहर के अधीक्षण अभियंता (एसई) और मेरठ के एसडीओ को निलंबित करने का निर्देश दिया था. कॉरपोरेशन ने खराब प्रदर्शन के लिए कई मुख्य अभियंताओं व अधीक्षण अभियंताओं को भी आड़े हाथ लिया. इस मामले में रुख साफ है कि अगर कामकाज में सुधार नहीं हुआ तो सभी को हटा दिया जाएगा. कॉरपोरेशन की ओर से बिजली सप्लाई भी सही रखे जाने के निर्देश हैं.


इस समय यूपी में बिजली की कीमत :


100 वाट 5.50 रुपये प्रति यूनिट


300 वाट 6 रुपये प्रति यूनिट


500 वाट 6.50 रुपये प्रति यूनिट