`जहां गूंजती थी शहनाई..` उस्ताद बिस्मिल्ला खां की विरासत पर पुण्यतिथि से चंद रोज पहले हथौड़ा चलाने की तैयारी!
उनके इंतकाल के 14 साल के अंदर ही काशी वाले उनके घर पर पारिवारिक विवाद यूं गहराया है कि अब उस्ताद साहब की यादें भी खतरे में पड़ गई हैं.
वाराणसी: काशी की पहचान जिन चंद चीजों से होती है, उनमें से एक शहनाई की वो तान भी है, जिसने दुनिया को अपना कायल बनाया. कहते हैं, उस्ताद बिस्मिल्ला खां की शहनाई के सुर काशी में ही रमते थे, तभी तो ताउम्र वो काशी छोड़कर कहीं नहीं गए. हालांकि उनका फैसला उनकी पुश्तों को शायद नहीं भाया. तभी तो उनके इंतकाल के 14 साल के अंदर ही काशी वाले उनके घर पर पारिवारिक विवाद यूं गहराया है कि अब उस्ताद साहब की यादें भी खतरे में पड़ गई हैं.
उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के बाद बेटे मेहताब के नाम हुआ मकान
मकान बिस्मिल्लाह खां के बेटे स्वर्गीय मेहताब के नाम है और इस समय ये बहुत ही जर्जर हालत में है. जिस वजह से मकान को तुड़वा कर उसे सही कराया जा रहा था. इस पर परिवार के कुछ सदस्यों को आपत्ति होने के बाद तय किया गया कि मकान बिल्डर को दे दिया जाए और खां साहब की विरासत को एक मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में तब्दील कर दिया जाए.
सोमा घोष ने डीएम से की शिकायत
बिस्मिल्लाह खान की दत्तक पुत्री सोमा घोष ने जब मकान के तोड़े जाने की खबर सुनी तो इसकी सूचना जिलाधिकारी वाराणसी को दी. उन्होंने मांग भी रखी कि खां साहब के मकान को सरकार संरक्षित करके उसे संग्रहालय के तौर पर विकसित करे. फिलहाल वाराणसी बीडीए ने मकान का नक्शा पास होने तक निर्माण को रोक दिया है.
हड़हा सराय में है शहनाई के सरताज का मकान
भारत रत्न स्वर्गीय बिस्मिल्लाह खान का मकान वाराणसी के हड़हा सराय में पड़ता है. काशी के हड़हा सराय की तंग गलियों से होते हुए भारत रत्न स्वर्गीय बिस्मिल्लाह खां के मकान तक पहुंचा जा सकता है. यही वो मकान है, जहां बिस्मिल्लाह खां ने रियाज करके शहनाई को पूरी दुनिया में पहचान दिलाई थी. अपनी जिंदगी के आखिरी समय तक वे इसी मकान में रहे.
इतना बड़ा परिवार और पिता की विरासत पर रार
भारत रत्न बिस्मिल्लाह खां का मकान 527 स्क्वायर फुट में है जो कि इस समय काफी जर्जर है. बिस्मिल्लाह खां के 5 लड़के और 4 लड़कियां हैं. उनमें अक्सर उस्ताद साहब की संपत्ति को लेकर विवाद की खबरें आती रही हैं. अब मकान पर हुए विवाद के बाद परिवार के सदस्यों का कहना है कि मकान जर्जर हालात में था इस वजह से मकान की मरम्मत के लिए इसको तोड़ा जा रहा है, न कि मकान को किसी बिल्डर को दिया गया है.
उस्ताद बिस्मिल्ला खां की शहनाई भी हो चुकी है चोरी
पारिवारिक विवाद का ये पहला मामला नहीं है. इससे पहले उनके पुश्तैनी घर से उस्ताद बिस्मिल्ला खां की 5 शहनाइयां भी चोरी हो चुकी हैं. हालांकि वाराणसी पुलिस ने केस में खुलासा किया था कि शहनाइयां उनके पोते ने ही चुराई थीं. हालांकि इनमें से सिर्फ 1 लकड़ी की ही शहनाई बची थी बाकी 4 चांदी की शहनाइयां गलवाई जा चुकी थीं.
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