E-way Bill on Gold Silver: अब यदि आप 2 लाख रुपये से अधिक की कीमत के सोना,चांदी समेत कीमती रत्न एक स्थान से दूसरे स्थान ले जा रहे हैं तो आपको ई-वे बिल जनरेट करना होगा. हर राज्य के राज्य कर आयुक्त को ये अधिकार होगा कि जिस तारीख से वह इस संबंध में आदेश जारी करेंगे, उसी दिन से ई-वे बिल बनाना अनिवार्य हो जाएगा. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने इससे जुड़ा नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. यह कवायद सोने और चांदी की तस्करी रोकने के लिए की जा रही है. दरअसल पिछली बार जीएसटी काउंसिल की मीटिंग के दौरान ई-वे बिल का प्रस्ताव कई राज्यों की ओर से आया था. इस पर आखिरकार मुहर लग गई है. हालांकि अलग-अलग राज्य अपनी सुविधा के मुताबिक इसे लागू करेंगे. लेकिन अक्टूबर महीने से कई राज्यों में इसके लागू होने की संभावना जताई जा रही है.


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जानिए क्या है ई-वे बिल
किसी भी वाहन से माल भेजने पर उसके साथ ऑनलाइन बिल भेजना पड़ता है. इसे ही ई वे बिल कहा जाता है. जीएसटी नियम के तहत यदि किसी गाड़ी से 50 हजार रुपए से अधिक की कीमत की वस्तु भेजी जा रही है तो उस पर ई-वे बिल जरूर होना चाहिए. ई-वे बिल के फॉर्म में दो पार्ट होते हैं. पहले हिस्से में माल की जानकारी,वजन और कीमत आदि बताई जाती है. फॉर्म के दूसरे हिस्से में वाहन संख्या तथा पहचान एवं दूरी का उल्लेख होता है. 


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विरोध के स्वर भी उठे
हालांकि इसे लेकर विरोध के स्वर भी सुनाई दे रहे हैं. ऑल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्ड स्मिथ फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोड़ा, लखनऊ चौक सराफा एसोसिएशन के महामंत्री विनोद माहेश्वरी ने कहा कि यूपी में ई-वे बिल लागू नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है. छोटा व्यापारी इंटरनेट जाकर ई-वे बिल बनवाता है, ऐसे में उसे गोपनीय जानकारी साझा करनी होती है.


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