दहेज हत्या, छेड़खानी से दुष्कर्म तक लगेगी कौन सी धारा, पढ़ लें नए आपराधिक कानून की 1-1 धाराएं

भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम सोमवार से देश में लागू हो गए. गृह मंत्रालय के मुताबिक, इस बदलाव से एक ऐसी प्रणाली स्थापित होगी. जिससे तीन साल में किसी भी पीड़ित को न्याय मिल सकेगा.

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नए कानून लागू

1 जुलाई यानी आज से 3 नए आपराधिक कानून लागू कर दिए गए हैं. इसको लेकर केंद्र सरकार पहले ही अधिसूचना जारी कर चुकी है. 

 

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आईपीसी खत्म

अंग्रेजों के जमाने के भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम अब खत्म हो चुके हैं. 

 

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बीएनएस

इनकी जगह अब भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लेंगे. 

 

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यूपी में दर्ज हुआ पहला केस

नया कानून लागू होने के बाद यूपी के बरेली में पहला केस दर्ज हुआ है. जो बच्चा चोरी से जुड़ा है. 

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358 धाराएं

भारतीय दंड संहिता में कुल 511 धाराएं थीं. जबकि भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएं रह गई हैं.  इसमें 33 अपराधों में सजा को और कड़ा किया गया है जबकि 20 नए अपराध भी इसमें शामिल किए गए हैं.

 

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कई धाराओं में बदलाव

इसके अलावा कई धाराओं में बदलाव किया गया है, जैसे अब हत्या की धारा 302 के स्थान पर धारा 101 होगी. हत्या के प्रयास के लिए 307 की जगह अब 109 धारा होगी.

 

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दुष्कर्म की धारा 63

वहीं दुष्कर्म की धारा 376 की जगह अब धारा 63 होगी. धोखेबाजी की भी धारा 420 के स्थान पर अब धारा 316 होगी. 

 

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छेड़खानी के लिए धारा 74

छेड़खानी के लिए अब 354 की जगह 74,  मारपीट के लिए 323 की जगह 115, ताकझांक के लिए 354 सी की जगह धारा 77 होगी. 

 

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धोखाधड़ी के लिए धारा 318

लूट के लिए अब 392 की जगह 309, धोखाधड़ी के लिए 420 की जगह 318, जान से मारने की धमकी के लिए 506 की जगह 351 धारा होगी. 

 

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सुसाइड के लिए उकसाना

आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए 306 की जगह 108 धारा लगेगी. आत्महत्या का प्रयास करना करने के लिए  509 की जगह 79, दहेज हत्या के लिए   304बी की जगह 80 धारा होगी. 

 

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