UP में 10 लाख परिवारों को मिले प्रॉपर्टी कार्ड, पीएम स्वामित्व कार्ड से खत्म होंगे संपत्ति विवाद

UP PM Swamitva Yojana Latest News: ग्रामीण भारत के आबादी वाले क्षेत्रों के लिए राजस्व रिकॉर्ड, संपत्ति विवाद निपटारा, संपत्ति की सही माप आदि की दिक्कतों को दूर करने के लिए सरकार ने 27 दिसंबर से घरौनी वितरण योजना का शुभारंभ कर दिया है.

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पीएम मोदी करेंगे घरौनी का वितरण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 दिसंबर को उत्तर प्रदेश समेत 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 50,000 गांवों में करीब 58 लाख स्वामित्व संपत्ति कार्ड (घरौनी) वितरित करेंगे. अकेले उत्तर प्रदेश में 88 लाख घरौनी तैयार की गई हैं. 

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यूपी में कितनी घरौनी का वितरण

पीएम नई दिल्ली में तो वहीं यूपी में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह कल्याण सिंह हैबिटेट सेंटर में स्वामित्व योजना के अन्तर्गत तैयार घरौनियों का वितरण करेंगे. यूपी में फिलहाल 10 लाख घरौनी का वितरण होगा. बाद में ब्लॉक एवं ग्राम पंचायत में भी घरौनियों का वितरण किया जाएगा. 

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घरौनी: स्वामित्व योजना कब शुरू हुई

स्वामित्व योजना को मोदी सरकार ने अप्रैल 2020 में शुरू किया था.  इस योजना का उद्देश्य गांवों में कृषि भूमि से अलग आबादी वाले क्षेत्रों के लिए राजस्व दस्तावेजों में अधिकारों का रिकॉर्ड बनाना है. 

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घरौनी के लिए 90 हजार से ज्यादा गांव चिन्हित

स्वामित्व उत्तर प्रदेश योजना के तहत घरौनी के लिए राजस्व परिषद ने 90,573 गांवों को चिह्नित किया है. इसके लिए ड्रोन सर्वेक्षण के बाद 10 हजार गांव गैर आबाद मिले हैं, जबकि कुछ गांव नगरीय निकायों की सीमा में आ गए हैं. 

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कैसे होता है घरौनी के लिए सर्वे

योजना के तहत लेटेस्ट सर्वे वाले ड्रोन और जीआईएस टेक्नोलॉजी के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी वाली भूमि का सीमांकन किया जाता है.  इस योजना में 3,44,868 गांवों को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से 92 प्रतिशत यानी करीब 3.17 लाख गांवों में पहले ही ड्रोन के जरिए सर्वे किया जा चुका है. 

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घर की संपत्ति का बनेगा रिकॉर्ड

गांव में लोगों के पास अपनी संपत्ति , मकान और मकान के आसपास जमीन भी होती है लेकिन उनके पास कागज या ऑन रिकॉर्ड नहीं होता है जिसकी वजह से ग्रामीण इस तरह की संपत्ति के अन्य उपयोग नहीं कर पाते थे, लेकिन घरौनी से अब यह समस्या दूर हो जाएगी. 

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संपत्ति विवाद निपटारे में सहायक

इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण भारत में आबादी वाली संपत्ति को कवर करना है. घरौनी से संपत्ति के स्वामित्व का अधिकार स्पष्ट सकेगा. संपत्ति का एक नक्शा भी स्पष्ट होगा तो संपत्ति विवाद होने पर निपटारा भी आसान होगा. 

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गांवों में घरों के क्षेत्रफल की सही जानकारी

आबादी वाले ग्रामीण इलाके में संपत्ति की घरौनी होने से न केवल संपत्ति का मालिकाना अधिकार स्पष्ट होगा और विभाग को आबादी वाली संपत्ति यानी घरों के क्षेत्रफल की सही जानकारी हो सकेगी.

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घरौनी को खतौनी की तरह मान्यता

इतना ही नहीं सपंत्ति की सही माप, मालिकाना हक, और नक्शा होने के चलते हैं, संपत्ति का मालिक किसी वित्तीय संस्थान जैसे कि बैंक आदि से संपत्ति पर कर्ज भी प्राप्त कर सकेंगे. घरौनी को खतौनी की तरह ही मान्यता दी गई है. 

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कैसे तैयार होती है घरौनी

योजना के तहत ड्रोन सर्वेक्षण के जरिए घरों के नक्शे की सही जानकारी निकालने के बाद उसे गांव में चिपकाया जाता है. 15 दिन के भीतर अगर संबंधित घर या नक्शे को लेकर किसी की कोई शिकायत होती है तो उसे दावा पेश करना होता है. अगर कोई शिकायत या दावा नहीं पेश किया जाता है तो घरौनी को सही मान लिया जाता है. 

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घरौनी में परिवार के सदस्य और मुखिया का नाम

ड्रोन सर्वेक्षण के बाद तैयार होने वाली घरौनी में लोगों को पिता, पति, पत्नी व बच्चों के नाम भी दर्ज करवाने की सुविधा दी गई है. ताकी बाद में परिवार के बीच संपत्ति बंटवारे में इसका उपयोग हो सके. 

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कैसै प्राप्त होगी घरौनी

जिन गावों में घरौनी तैयार करने का काम पूरा हो गया है, वहां के लोगों को मोबाइल पर एसएमएस आएगा. इसमें लिंक दिया जाएगा. इस लिंक को खोलकर घरौनी आन लाइन निशुल्क डाउनलोड की जा सकेगी. इसके अलावा विभागीय दफ्तर से भी घरौनी प्राप्त की जा सकेगी. 

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