बच्चों को पढ़ाई और पोषण के लिए यूपी सरकार देती है 4000 रुपये महीना, ऐसे उठाएं फायदा
देशवासियों के कल्याण और उनकी सहायता के लिए केंद्र राज्य सरकार ने कई तरह की योजनाएं शुरु की हुई हैं. ऐसी ही एक योजना है मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना. इस योजना के तहत बच्चे को 4000 रुपये महीना दिया जाता है.
अनाथ बच्चों लिए 4000 रुपये महीना
उत्तर प्रदेश सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों की सहायता के लिए 'मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना' शुरू की थी. इस योजना के तहत सरकार ऐसे बच्चों की शिक्षा और अन्य आवश्यक सेवाओं के लिए चार हजार प्रति माह देती है, जिन्होंने माता या पिता में से किसी एक को या फिर दोनों को खो दिया हो.
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना
यूपी सरकार ने कोविड 19 के दौर में अनाथ हुए बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना चला रखी है. इस योजना के तहत ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु हो चुकी है उन्हें सहायता राशि प्रदान की जाती है.
माता-पिता दोनों की मृत्यु पर
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत अगर किसी बच्चे के माता व पिता दोनों की कोविड-19 में मृत्यु हो गई है तो उन्हे बाल संरक्षक गृह भेजा जा सकता है.
0-10 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए
इस योजना के तहत 0 से 10 वर्ष की आयु के बच्चों के वैध संरक्षक के खाते में 4000 रुपया प्रति महीना भेजा जाता है. बशर्ते औपचारिक शिक्षा के लिए उसका दाखिला किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में कराया गया हो.
पूर्णतया अनाथ बच्चों के लिए
ऐसे बच्चे जो पूरी तरह अनाथ हो गए हैं. उन्हें कक्षा 6 से 12 तक की शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालयों या कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में दाखिल कराया जाता है.
विद्यालयों की छुट्टी के दौरान भी 4 हजार प्रति माह
अटल या कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की तीन महीने की छुट्टी के दौरान भी अनाथ बच्चों के संरक्षक या जिसकी अभिरक्षा में बच्चा हो उसके खाते में 4000 रुपये प्रति माह के हिसाब कुल 12000 रुपये ट्रांसफर किए जाते हैं.
4000 रुपये प्रति माह 12वीं या 18 वर्ष की आयु तक
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत अनाथ बच्चों को 4000 रुपये प्रति माह तभी तक दिये जाते हैं जब तक उनकी उम्र 18 वर्ष या वे 12वीं क्लास तक की पढ़ाई जो भी पहले पूरी हो जाए.
आवासीय विद्यालयों में प्रवेश नहीं कराने पर
अगर बच्चो का संरक्षक किसी कारणवश आवासीय विद्यालयों में प्रवेश नहीं दिलाता है तो, बच्चे की देखरेख और शिक्षा के लिए, 18 वर्ष की आयु पूरी होने तक या 12 वीं क्लास तक पढ़ाई जो भी पहले पूरी हो...खाते में ट्रांसफर किए जाते हैं.
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की पात्रता
यह योजना उन बच्चों के लिए है जिनके माता-पिता या अभिभावक कोविड-19 के कारण दोनों या किसी एक की मृत्यु हो चुकी है. साथ ही लाभार्थी बच्चे की उम्र 18 साल से कम और उसके माता पिता यूपी के स्थाई निवासी रहे हों.
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शर्तें
लाभार्थी बच्चे के माता-पिता का कोविड-19 से मृत्यु का प्रमाण पत्र, बच्चे या उसके अभिभावक का बैंक खाता और बच्चे का स्थानीय प्रशासन या बाल कल्याण विभाग में पंजीकरण होना अनिवार्य है.