Legal Rights: पुलिस एफआईआर लिखने में कर रही आनाकानी? यहां शिकायत करते ही लिया जाएगा एक्शन

किसी के साथ फ्रॉड, घटना से लेकर अपराध तक कोई भी घटना होती है तो वह सीधे पुलिस स्टेशन जाता है और एफआईआर लिखवाता है. पुलिस मामले की पड़ताल करती है. हालांकि कई बार ऐसे भी मामले सामने आते हैं, जहां पुलिस एफआईआर लिखने में आनाकानी करती है, ऐसे में लोग समझ नही पाते कि उनको क्या करना चाहिए.

शैलजाकांत मिश्रा Fri, 20 Sep 2024-9:30 am,
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पुलिस स्टेशन जाएं

सबसे पहला काम है कि आपके साथ किसी भी तरह की कोई घटना होती है तो आप पुलिस थाने जाकर इसकी एफआईआर दर्ज कराएं. आमतौर पर पुलिस रिपोर्ट दर्ज करके मामले की जांच-पड़ताल करती है और पीड़ित की सुनवाई करती है. 

 

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FIR दर्ज न हो तो क्या करें

लेकिन कई बार देखने को मिलता है कि पुलिस की तरफ से रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया जाता है. ऐसे में लोग हिम्मत हारकर चुपचाप घर लौट आते हैं, क्योंकि उनको नहीं पता होता कि ऐसी स्थित में वो क्या कर सकते हैं. 

 

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ऑप्शन मौजूद

अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है. आपके पास एक और रास्ता है, जो आपके न केवल काम आ सकता है बल्कि इससे आपकी मदद भी हो सकती है. चलिए आइए जानते हैं इसके बारे में. 

 

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कर सकते हैं शिकायत

थाने में पुलिसकर्मी आपकी शिकायत दर्ज करने से मना कर देता है तो आपके पास इसकी शिकायत करने का विकल्प मौजूद है. 

 

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कहां करें शिकायत

आप पुलिस विभाग के विजलेंस डिपार्टमेंट में कॉल कर इसकी शिकायत कर सकते हैं. इसके अलावा आप पुलिस के बड़े अधिकारियों जैसे डीसीपी या एसपी दफ्तर जाकर भी शिकायत कर सकते हैं. 

 

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लिया जा सकता है एक्शन

ऐसा करने से आपकी शिकायत तो दर्ज की ही जाएगी, साथ ही एफआईआर लिखने से इनकार करने वाले अधिकारी के खिलाफ भी एक्शन होगा. 

 

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कोर्ट का विकल्प

अगर आला अधिकारियों से शिकायत के बाद भी आपकी सुनवाई नहीं हो रही है तो आप इसकी शिकायत लोकल कोर्ट में मजिस्ट्रेट से कर सकते हैं. 

 

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कोर्ट दे सकता है आदेश

आपकी शिकायत सही पाई जाती है तो कोर्ट पुलिस को एफआईआर करने का आदेश जारी कर सकता है. साथ ही आरोपी पुलिसकर्मी के खिलाफ भी कार्रवाई होगी. 

 

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ऑनलाइन एफआईआर

थाने में एफआईआर दर्ज नहीं होने की स्थिति में आप ऑनलाइन जाकर भी शिकायत कर सकते हैं. इसे ई-एफआईआर कहा जाता है. 

 

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शुरू होती है जांच

हर राज्य की पुलिस वेबसाइट होती है, जहां जाकर आपको तमाम जानकारी देनी होती है और आपकी एफआईआर दर्ज हो जाती है. एफआईआर दर्ज होने के बाद आपके मामले की जांच शुरू हो जाती है.

 

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डिस्क्लेमर

लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.

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