फैमिली पेंशन पर सबसे पहला हक किसका, 99 परसेंट लोगों को नहीं होगी ये जानकारी

New Pesion Rules: कुछ दिन पहले पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने अपने एक आदेश में कहा था कि सरकारी कर्मचारियों की फैमिली पेंशन सूची से बेटी का नाम नहीं हटाया जा सकता. लेकिन क्या आप जानते हैं फैमिली पेंशन पर सबसे पहला हक किसका होता है.

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पेंशन में बेटी का अधिकार सुरक्षित

पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने हाल ही में आदेश जारी किया है कि सरकारी कर्मचारियों की फैमिली पेंशन सूची से बेटी का नाम हटाया नहीं जा सकता. यह निर्णय बेटी के पेंशन अधिकार को सुनिश्चित करता है, हालांकि इसमें विवाहित, अविवाहित और उम्र को लेकर अलग नियम हैं.

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फैमिली पेंशन के लाभार्थी

सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली फैमिली पेंशन का हक उनके पति, पत्नी और बच्चों को मिलता है. पेंशन नियमों में किए गए बदलावों के चलते परिवार के हर सदस्य का अधिकार और ज्यादा स्पष्ट हुआ है.

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25 साल तक बच्चों का हक

नियमों के अनुसार, सरकारी कर्मचारियों के बच्चों को 25 साल की उम्र तक फैमिली पेंशन मिलती है। हालांकि, अगर कोई बच्चा विकलांग है, तो उसे जीवनभर पेंशन का अधिकार मिलता है और इसका हक सबसे पहले उसका होता है.

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बेटी का अधिकार शादी तक

अगर बेटी अविवाहित है, तो वह पेंशन का हकदार बनी रहती है. लेकिन शादी के बाद यह अधिकार समाप्त हो जाता है, सिवाय उस स्थिति के जब बेटी विकलांग हो. लेकिन विकलांग बेटी का भी शादी के बाद पेंशन पर अधिकार खत्म हो जाता है. 

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25 साल बाद भी कुछ शर्तों में पेंशन

कई परिस्थितियों में बेटियों को 25 साल की उम्र के बाद भी फैमिली पेंशन मिल सकती है. अगर बेटी अविवाहित, विधवा या तलाकशुदा है और अन्य भाई-बहन या परिवार का कोई सदस्य पेंशन का हकदार नहीं है, तो उसे यह लाभ दिया जा सकता है.

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रिटायरमेंट लाभ का तुरंत वितरण

विभाग ने मंत्रालयों और विभागों को निर्देश दिए हैं कि एक्स्ट्राऑर्डिनरी पेंशन (ईओपी) के तहत मिलने वाले रिटायरमेंट लाभों का भुगतान जल्द से जल्द किया जाए. इस कदम का उद्देश्य देरी से ब्याज भुगतान जैसी समस्याओं से बचाना है.

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सरकारी फॉर्मेट में दर्ज सदस्य ही मान्य

विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि बेटी को परिवार के सदस्य के रूप में फॉर्मल तरीके से दर्ज किया गया है, तो उसे फैमिली पेंशन के लिए योग्य माना जाएगा. यह सुनिश्चित करता है कि बेटियों का हक संरक्षित रहे.

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परिवार की वित्तीय सुरक्षा का संकल्प

फैमिली पेंशन के नियमों में बदलाव और बेटियों के अधिकार को सुरक्षित करना, परिवार की वित्तीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. इससे परिवार के सदस्यों के अधिकारों में स्थायित्व आता है.

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बेटियों की सूची से नाम न हटे

नया आदेश बताता है कि चाहे बेटी विवाहित हो या अविवाहित, उसका नाम फैमिली पेंशन की सूची में रहेगा. यह फैसला बेटियों के भविष्य को सुरक्षित रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे उनका हक कायम रहेगा.

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Disclaimer

लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.

 

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