प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में इन दिनों माघ मेले में हजारों की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. इस बीच वहां एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. पुलिस ने मंगलवार को मेला परिसर में इस्लामिक साहित्य की किताबे बेचने के आरोप में तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस को गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से बड़ी संख्या में इस्लामिक साहित्य की किताबें बरामद हुई हैं. बताया जा रहा है एक अभियुक्त स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन का जोनल सचिव है. साथ ही गिरफ्तार अभियुक्तों का सरगना महमूद हसन गाज़ी प्रयागराज के एक मदरसे का शिक्षक है. पिछले काफी समय से तीनों अभियुक्त इस साजिश में शामिल बताए जा रहे हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन से जुड़े तार


गिरफ्तार युवक सिमी के सदस्य बताए जाते हैं. इन युवकों के पास से सैकड़ों इस्लामिक पुस्तकें बरामद हुई हैं. उनका यूएई के अबूधाबी से कनेक्शन भी मिला है. जानकारी के मुताबिक अभियुक्त पहचान छिपाकर फर्जी आधार कार्ड बनाकर यह कार्य कर रहे थे. इससे पहले ये लोग काशी विश्वनाथ मंदिर के बाहर भी इस्लामिक साहित्य की किताबें बेच चुके हैं. सभी अभियुक्तों के खिलाफ दारागंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है. 


मेले में दूर-दूर से लोग आस्था की डुबकी लगाने के लिए आ रहे है. मिली जानकारी के मुताबिक इसी माघ मेले से सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाने वाली खबर आई है. संगम की रेती पर लगे माघ मेले में बीजेपी एमएलसी निर्मला पासवान ने इस्लामिक साहित्य बेचे जाने का आरोप लगाते हुए कड़ा एतराज किया है. बीजेपी एमएलसी ने मेला प्रशासन और डीएम से मामले में दखल देने की मांग की है. साथ ही मेला परिसर में इस्लामिक साहित्य बेचने वालों पर तत्काल कार्रवाई की मांग भी की है. 


क्या है पूरा मामला


बीजेपी एमएलसी निर्मला पासवान ने बताया है कि उन्हें माघ मेला क्षेत्र में कई जगहों पर इस्लामिक साहित्य बेचे जाने की सूचना मिली थी. निर्मला पासवान ने इसे हिंदू आस्था के साथ खिलवाड़ बताया है. उन्होंने कहा कि यह किसी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. माघ मेले में देश और दुनिया भर से सनातनी आस्था की डुबकी लगाने आते हैं. यहां इस्लामिक साहित्य बेचकर उनकी आस्था और भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. 


उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत प्रयागराज के आला अधिकारियों के साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ से भी की है. शिकायत के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया. मेला प्रशासन ने जिस जगह पर इस्लामिक साहित्य बेचा जा रहे था उसको वहां से हटवा दिया गया है.