Aadhaar-Voter ID link: चुनाव से पहले आधार कार्ड से जुड़ेगा Voter ID Card! घर बैठे ऐसे करें लिंक
अब आधार (Aadhaar Card) के जुड़ने से एक वोटर का नाम केवल एक ही जगह के वोटर लिस्ट में शामिल हो पाएगा.
Aadhaar-Voter Card Link: आगामी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले एक अहम बिल को कैबिनेट बैठक (Union Cabinet) में मंजूरी मिल गई है. नए प्रवाधान के अनुसार आने वाले समय में वोटर कार्ड (Voter Card) को आधार नंबर (Aadhaar Card) से लिंक करना होगा. इस विधेयक का सीधा सा मकसद देश में चुनाव के वक्त वोटिंग में सुधार लाना है. दावा है कि इससे चुनाव में फर्जी वोटिंग को रोकने में मदद मिलेगी. ऐसे में कोई भी व्यक्ति चुनाव में दो बार वोट नहीं कर पाएगा. लिहाजा, बीते बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल (central cabinet) ने चुनाव सुधारों को लेकर यह अहम फैसला लिया था. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कैसे आप आधार को वोटर कार्ड के साथ लिंक कर सकते हैं.
ऐसे करें अप्लाई
1. वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने के लिए सबसे पहले आपको मतदाता पोर्टल की ऑफिशियल वेबसाइट voterportal.eci.gov.in पर जाना होगा.
2. इसके बाद आपको अपना मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, वोटर कार्ड का नंबर और पासवर्ड डालकर लॉगिन करना होगा.
3. अब एक पेज ओपन होगा. यहां आपको अपना राज्य, जिला और पर्सनल जानकारी जैसे- नाम, डेट ऑफ बर्थ, पिता या पति का नाम आदि दर्ज करना होगा.
4. इसके बाद सर्च बटन पर क्लिक करें. आपके द्वारा दर्ज का गई जानकारी सही रही, तो आपकी सारी डिटेल्स स्क्रीन पर आ जाएगी.
5. अब आपको स्क्रीन की बाईं ओर फीड आधार कार्ड नंबर के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा. इसके बाद आपको आधार कार्ड का नंबर, मतदाता पहचान संख्या आदि भरना होगा.
6. लास्ट में सभी जानकारियों को ठीक से पढ़ लें और सबमिट कर दें.
7. इन सब प्रोसेस के बाद आपका आवेदन स्वीकार कर लिया जाएगा.
2015 में हुई थी इसके लिए सिफारिश
दरअसल, साल 2015 में चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने वोटर कार्ड को आधार से जोड़ने के लिए सिफारिश की थी. इसकी मुख्य वजह थी कि मतदाता सूची में ज्यादा से ज्यादा पारदर्शिता हो और फर्जी वोटर हटाए जा सकें. इस योजना पर काम भी शुरू कर दिया गया था, लेकिन कुछ ही महीने बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) पहुंचा और कोर्ट ने इस योजना पर रोक लगा दी. बीते बुधवार को मोदी कैबिनेट (Modi Cabinet) ने इस बिल को मंजूरी दे दी गई है.
फर्जीवाड़े को रोकने में मिलेगी मदद
दरअसल ऐसा देखा गया है कि एक व्यक्ति का नाम एक शहर की वोटर लिस्ट में होता है, लेकिन वो लंबे समय से दूसरे शहर में काम के कारण रह रहा होता है तो वह व्यक्ति उस शहर में वोटर आईडी कार्ड बनवा लेता है. ऐसे में उसके दोनों जगह वोटर लिस्ट में नाम हो जाते हैं, लेकिन अब आधार के जुड़ने से एक वोटर का नाम केवल एक ही जगह के वोटर लिस्ट में शामिल हो पाएगा. हालांकि आधार को वोटर से जोड़ना अनिवार्य नहीं है. यानी आप अपनी मर्जी के अनुसार वोटर आईडी को आधार से लिंक कर सकते हैं.
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