Lucknow Building Collapsed : लखनऊ के हजरतगंज क्षेत्र (Hazratganj) में वजीर हसन रोड स्थित अलाया अपार्टमेंट (Lucknow Alaya Apartment) मंगलवार शाम को धराशायी हो गई. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और पुलिस के 12 घंटे से भी ज्यादा वक्त तक चले बचाव अभियान में 14 लोगों को जिंदा निकाल लिया गया. अलाया अपार्टमेंट (Aalaya apartment) में करीब 12 फ्लैट थे, इसमें आठ फ्लैट में परिवार रह रहे थे. DGP और जिलाधिकारी का कहना है कि अंदर आठ फ्लैट में परिवार रह रहे लोगों को निकालने का अभियान अभी अंतिम चरण में है. यूपी के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक देर रात रात तक बचाव अभियान की निगरानी करते रहे.  


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कहा जा रहा था कि सिलेंडर ब्लास्ट के बाद ये इमारत धराशायी हुई है. हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि जर्जर इमारत के बेसमेंट में कुछ निर्माण कार्य भी कराया जा रहा था और फिर भूकंप के झटके (Earthquake) भी इमारत के लिए काल साबित हुई. सेना को भी मौके पर मदद के लिए बुलाया गया है. 


मंडलायुक्त रोशन जैकब घटनास्थल पर पहुंचीं. उन्होंने कहा कि ऊपर के फ्लोर पर मौजूद लोगों को निकाला जा रहा है. 3 लोगों को जीवित हालत में निकाला गया, एक बच्चे को भी भेजा गया अस्पताल. आशंका जताई जा रही है कि मलबे में 20-30 के करीब लोग दबे हैं. ये इमारत जर्जर भी बताई जा रही थी. सपा प्रवक्ता रविदास मेहरोत्रा का कहना है कि सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैदर अब्बास औऱ उनका परिवार भी मलबे में दबा है. उनका कहना है कि 30 के करीब लोग बिल्डिंग के नीचे दबे हो सकते हैं. 


मौके पर एनडीआरएफ औऱ एसडीआरएफ (NDRF SDRF) की टीमें पहुंच गई हैं. करीब 200-300 बचाव कर्मी अभियान में जुटे हैं. बिल्डिंग गिरने के मामले का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने लिया संज्ञान. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मौके पर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों को रवाना करने का निर्देश दिया था. सीएम का निर्देश दुर्घटना में घायलों का समुचित इलाज कराया जाए.सीएम का निर्देश राहत एवं बचाव कार्य (Rescue Operation) के लिए तेजी की जाए, मौके पर आला अधिकारी पहुंचे हैं.


कुछ लोगों का यहां तक दावा है कि करीब 20 परिवार यहां रह रहे थे, जिसमें 50 के करीब लोग हो सकते हैं. बताया जा रहा है कि सपा के एक बड़े नेता का परिवार भी ऊपरी मंजिल पर रहती थी. पड़ोसी लोगों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से निर्माण कार्य को लेकर आवाजें उनके घरों तक आ रही थीं, लेकिन वो ये नहीं कह सकते कि बेसमेंट में क्या काम चल रहा था. 



मौके पर डिप्टी सीएम औऱ स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक (UP deputy CM Brajesh Pathak) भी जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे. पाठक का कहना है कि अभी हमारा फोकस मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालकर ज्यादा से ज्यादा लोगों की जिंदगी बचाने की है. इलाके में इमारत का बड़ा हिस्सा धराशायी हो गया है. वहां एंबुलेंस की कतारें देखी जा रही हैं. जिन लोगों के अपने बिल्डिंग में दबे हैं, उनके जानने वाले रोते बिलखते देखे जा सकते हैं. 


ब्रजेश पाठक (Brijesh Pathak) का कहना है कि इमारत का एक हिस्सा पूरी तरह धराशायी हो गया है. हम पिछले हिस्से की दीवार को तोड़कर अंदर घुसने का प्रयास कर रहे हैं. हमारा प्रयास है कि हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को जिंदा बचाने का प्रयास कर रहे हैं. 


मलबे के बीच सिलेंडर, टूटी-फूटी टीवी, फ्रिज, घर का सामान बिखरा देखा जा रहा है. इमारत की ईंटों के बड़े ढेर के बीच जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे लोगों को बचाना पुलिस औऱ एनडीआरएफ के लिए बड़ा चुनौतीपूर्ण हो रहा है. इमारत की भारीभरकम लोहे और ईंटों की बीम के बीच तमाम लोगों के दबे होने की आशंका है. लेकिन अंधेरे के बीच ऐसे लोगों को खोज पाना बेहद मुश्किल साबित हो रहा है. 


दिल्ली एनसीआर समेत उत्तर प्रदेश में आज दोपहर भूकंप के झटके भी महसूस किए गए. ऐसे में आशंका यह भी है कि यह ताबूत बनी जर्जर इमारत में आखिरी कील साबित हुआ. सीएम योगी आदित्यनाथ के सलाहकार अवनीश अवस्थी भी मौके पर पहुंचे. 


नगर विकास मंत्री एके शर्मा (UP Minister AK Sharma) भी मौके पर पहुंचे. अलाया अपार्टमेंट के बगल की बिल्डिंग में भी दरारें आई हैं. उसे भी खाली कराया जा रहा है.  कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता अब्बास हैदर परिवार समेत यहां रहते हैं, ये बताया जा रहा है.