प्रयागराज/मोहम्मद गुफरान : प्रयागराज महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले में सोवार को एक बड़ी खबर आई है. अखाड़ा परिषद के महामंत्री ने इस मामले में दोबारा सीबीआई जांच की मांग की है. हरी गिरी ने कहा है कि महंत नरेंद्र गिरी मौत का असली आरोपी बाहर चल रहा है. सीबीआई दोबारा सही ढंग से जांच करेगी तो मौत की असल वजह साफ हो जाएगी. सितंबर 2021 में महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. मामले में सीबीआई ने स्वामी आनंद गिरी समेत तीन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है.


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दो साल पहले मठ में महंत का शव फंदे से लटकता हुआ पाया गया था. महंत हरि गिरि के मुताबिक ''उन्होंने कभी इसे सुसाइड नहीं माना. सीबीआई ने जांच किस तरह से की, वह नहीं जानते, लेकिन इतना जरूर है कि जांच दोबारा की जानी चाहिए. जिस संत ने मौत की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, उसने डर से अपनी तहरीर ही वापस ले ली है. ऐसे में सीबीआई जांच की समीक्षा की जानी चाहिए.''


क्या अभी भी अनसुलझे हैं कई सवाल
सीबीआई ने अपने चार्जशीट में कहा था कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि अपने शिष्य आनंद गिरि, पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी, उनके बेटे संदीप तिवारी की वजह से 'भारी मानसिक तनाव' में थे और उन्होंने समाज की नजरों में 'मानहानि और अपमान' से बचने के लिए जीवन लीला समाप्त कर ली थी. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने वह वीडियो भी बरामद किया था जिसे महंत ने सुसाइड से पहले कथित तौर पर रिकॉर्ड किया था. इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि आनंद गिरि 'संपादित वीडियो' जारी करने वाले थे जिसमें उन्हें महिला के साथ आपत्तिजनक हालत में दिखाया गया है.


गंगा की स्वच्छता पर क्या बोले
महंत हरि गिरि ने गंगा स्वच्छता अभियान पर कहा कि ''वह जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर गंगा की दुर्दशा से उन्हें अवगत कराएंगे. जल धारा में गंदगी देखकर मन विचलित हो उठा है. उन्होंने कहा कि प्रयागराज में आयोजित होने वाले अगले महाकुंभ की दिव्यता और भव्यता के लिए सरकार को सुझाव दिया है. 


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