ब्रिटेन में मंत्री बना आगरा का छोरा: जानिए कौन हैं आलोक शर्मा जिनका ताजनगरी से है खास नाता
Agra News: कॉमन सा लगने वाला नाम आलोक शर्मा वाकई में इस वक्त भारत के लिए अहम हो गया है. क्योंकि भारत में जन्में आलोक शर्मा को ब्रिटेन की नवनिर्वाचित लिज ट्रस सरकार की कैबिनेट में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली है.
मनीष गुप्ता/आगरा: इन दिनों भारत में एक नाम की जबरदस्त तरीके से चर्चा हो रही है वो नाम है आलोक शर्मा. बड़ा कॉमन सा लगने वाला नाम वाकई में इस भारत के लिए अहम हो गया है. अहम भी इसलिए, क्योंकि भारत में जन्में आलोक शर्मा को ब्रिटेन की नवनिर्वाचित लिज ट्रस सरकार की कैबिनेट में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली है. भारतवंशी आलोक शर्मा को संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन सीपीओ 26 का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.
आपको बता दें कि आलोक शर्मा का ताजनगरी आगरा से गहरा कनेक्शन है. यही वजह है कि उनकी कामयाबी की खबर आगरा निवासी चचेरे भाई-भाभी को लगी तो पूरा परिवार खुशियों से झूम उठा. ताजनगरी आगरा के कोठी मीना बाजार मैदान स्थित पुश्तैनी घर पर परिवार के लोगों ने आलोक शर्मा के बर्थडे पर केक सेरेमनी सेलिब्रेट की.
आलोक शर्मा का जन्म स्थान है आगरा
रेलवे में प्रबंधक चचेरे भाई विश्वनाथ शर्मा बताते हैं कि आलोक शर्मा का जन्म आगरा के कोठी मीना बाजार में 07 सितंबर 1969 को हुआ था. आलोक शर्मा के पिताजी डॉ. प्रेमदत्त शर्मा पशुओं के सर्जन थे. हालांकि आलोक शर्मा महज पांच साल तक आगरा में ही रहे. अपने बचपन के दिनों में चचेरे भाई-बहनों के साथ आलोक शर्मा नार्मल कंपाउंड स्थित सरकारी विद्यालय में पढ़ने जाते थे. इसके बाद उनके पिता ब्रिटेन शिफ्ट हो गए.
रगों में दौड़ रहे हिंदुस्तानी संस्कार
आलोक शर्मा भले ही ब्रिटेन परिवेश में पले-बढ़े हों, मगर भारतीय संस्कार आलोक शर्मा की रगों में बखूबी दौड़ रहे हैं. बकौल विश्वनाथ शर्मा, आलोक शर्मा आज भी अपने पिता प्रेमदत्त शर्मा और मां शीला शर्मा की खुद नियमित देखभाल करते हैं और उनके साथ समय बिताना नहीं भूलते.
पिछली बार 2015 में आये थे आगरा
आलोक शर्मा की भाभी ऋतिका शर्मा बताती हैं कि आलोक शर्मा को बेसन के लड्डू बहुत पसंद हैं. हिंदुस्तान से कोई भी उनके पास जाता है या वह खुद आगरा आएं, तो उनके लिए घर के बने बेसन के लड्डू पसंदीदा मिठाई होती है. हालांकि ये बात अलग है कि लिज ट्रस कैबिनेट का हिस्सा होने के कारण उनके प्रोटोकॉल के नियम काफी सख्त हो गए हैं. आलोक 2015 के आगरा नहीं आ पाए हैं.
पूरे परिवार को है नाज
उनकी कामयाबी पर पूरा परिवार खुद पर नाज महसूस करता है. परिवार के लोगों का कहना है कि विश्व स्तर पर जलवायु परिवर्तन को लेकर राजनीति तेज हो रही है. ऐसे में भारतवंशी के हाथों में कमान होने से कम से कम भारत ब्रिटेन को लेकर सहज स्थिति में पा रहा है.