Agra: ताज नगरी आगरा में रामलीला को लेकर हुई महाभारत, ये है पूरा मामला
Agra: ताज नगरी आगरा में रामलीला पर महाभारत हो रही है. आयोजन को लेकर हिन्दू वादी संगठन और रेल प्रशासन आमने-सामने हैं. जिसको लेकर डीआरएम कार्यालय का घेराव करते हुए जमकर प्रदर्शन किया गया.
मनीष गुप्ता/आगरा: ताज नगरी आगरा में रामलीला पर महाभारत मची हुई है. दरअसल, यहां पर होने वाले रामलीला के आयोजन को लेकर हिन्दू वादी संगठन और रेल प्रशासन आमने-सामने हैं. इसी को लेकर अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू परिषद राष्ट्रीय बजरंग दल की ओर से डीआरएम कार्यालय का घेराव करते हुए जमकर प्रदर्शन किया गया. हिन्दू परिषद राष्ट्रीय बजरंग दल की नारेबाजी और प्रदर्शन के दौरान हड़कम मच गया. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उत्तर मध्य रेलवे के जीएम रेलवे अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे. आइए आपको बताते हैं पूरा मामला क्या है.
रामलीला को लेकर महाभारत की ये है वजह
आपको बता दें कि हिंदूवादी संगठन के प्रदर्शन के दौरान ही डीआरएम ने कार्यकर्ताओं से बातचीत की. साथ ही मांग पत्र डीआरएम पीआरओ को देने को कहा. दरअसल, मामला रामलीला के मंचन से जुड़ा है. आगरा कैंट घंटाघर मैदान पर सैकड़ों वर्षों से रामलीला का मंचन होता आ रहा है. इस आयोजन को रेलवे कर्मचारी और उनके बच्चे ही सम्पन्न कराते हैं. इस रामलीला मैदान में रामलीला के लिए शुल्क लगा दिए गए हैं. जिसे लेकर हिंदूवादी संगठनों ने मांग की है कि इसे निशुल्क कराया जाए.
हिंदूवादी नेता ने मामले में दी जानकारी
इस मामले में जानकारी देते हुए अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू परिषद राष्ट्रीय बजरंग दल के क्षेत्रीय महामंत्री ने बताया कि आगरा कैंट घंटाघर मैदान पर सैकड़ों वर्षों से रामलीला का आयोजन हो रहा है. इस आयोजन को रेलवे कर्मचारी और उनके बच्चे ही सम्पन्न कराते हैं. खास बात यह है कि रामलीला में रेलवे कर्मचारियों के बच्चे ही अभिनय करते हैं. इस रामलीला मैदान में रामलीला के लिए शुल्क लगा दिए गए है, जिससे रामलीला में व्यवधान हो रहा है. हिंदूवादियों ने मांग की है कि राम के काम में शुल्क ठीक नहीं है, इसे निशुल्क कराया जाए.
पीआरओ ने लिया पत्रक
आपको बता दें कि मीटिंग के दौरान डीआरएम ने कार्यकर्ताओं की बात सुनी. उनका मांग पत्र पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव को देने की बात कही. इसके बाद हिंदुवादी संगठन के नेताओं ने पीआरओ आगरा रेल मंडल को ज्ञापन सौंपा. अब यह देखना अहम होगा कि क्या उनकी मांगे पूरी होती हैं.