अजीत सिंह/जौनपुर: अगर मेहनत की जाए तो मिट्टी भी सोना उगल सकती है. इस बात को जौनपुर के युवा किसान ने चरितार्थ किया है. रजनीश कुमार सिंह ने मल्टीनेशनल कम्पनी की 18 लाख पैकेज की नौकरी छोड़कर खेती किसानी करना शुरू किया. जहां वह अपनी सैलरी के कई गुना ज्यादा कमाई कर रहे हैं. उन्होंने ऐसा कमाल किया है, मानों उनके खेतों ने सोना चांदी और हीरे मोती उगलना शुरू कर दिया हो. उन्होंने 5 साल पहले महानगरों की चकाचौंध से गांव का रूख किया. 


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खास बात ये है कि महज 5 साल में रजनीश हर साल 50 से 60 लाख रुपये कमा रहे हैं. इतना ही नहीं वह खुद तीन सौ किसानों को नई तकनीकी से जैविक फार्मिंग के गुर सीखा रहे हैं. ऐसा करके वह किसानों द्वारा की जाने वाले घाटे की खेती को मुनाफा में बदल रहे हैं. इस वजह से रजनीश कुमार को जौनपुर जिला प्रशासन ने कई बार सम्मानित किया है. इतना ही नहीं उन्हें प्रदेश स्तर पर भी कई बार सम्मानित किया जा चुका है. इतना ही नहीं यूपी के पड़ोसी राज्य बिहार में सरकार ने उन्हें बुलाकर किसानों की कार्यशाला भी लगवाई थी. 


होनहार किसान की ये है खासियत
आपको बात दें कि जिला मुख्यालय से करीब 40 किलो मीटर दूरी पर स्थित नेवढ़िया थाना क्षेत्र के नवापुर तरती गांव के निवासी रजनीश कुमार सिंह, पढ़ाई लिखाई में शुरू से ही तेज था. उसने एमबीए की पढ़ाई करने के बाद  देश विदेश की कई कंपनियों में कार्य किया , 2017 में रजनीश ने प्राइबेट मार्केटिंग मैनेजर पद पर  कार्य कर रहा था इसी बीच उसके पापा कैसर रोग से पीड़ित हो गए , कुछ दिन बाद उसके भाई को भी ब्लड कैंसर हो गया । पिता और भाई का इलाज कराने के लिए घर आ गया। रजनीश ने जी मीडिया से बात करते हुए बताया कि आज कल  फल, सब्जी में रसायनिक खादों का प्रयोग व अन्य खाने पीने के सामानों में भारी मिलावट हो रही है जिसके कारण कैंसर समेत अन्य लाइलाज बीमारियों के मरीज बढ़ रहे है.


डाक्टर की बात सुनकर मैने ठान लिया कि अब मैं खुद जैविक विधि से खेती करूँगा। इसके लिए मैन सबसे पहले गाय और भैंस का गोबर एकत्रित करके केचुवा डालकर जैविक खाद तैयार किया उसके बाद तैयार खाद का प्रयोग फसलों में करना शुरू किया । शुरुआती दौर में थोड़ी दिक्कते आयी लेकिन मैं हर गलतियों से सीख लेते हुए आगे बढ़ता गया , जिसका परिणाम है कि आज तीस एकड़ में खेती जैविक खाद से करता हूँ साथ ही खाद को तैयार करके जौनपुर और वाराणसी के बाजारों बेचता हूं। 


चक्की में पीसकर सीधा बाजार में बेचते हैं आटा 
जैविक खाद से तैयार हुए गेंहू को अपने चक्की में पीसकर आटा बाजार में बेचता हूँ जिसकी कीमत अच्छी मिलती है। इसी तरह खेत मे पैदा हुई सरसो की पेराई करके तेल उचे भाव मे सेल करता हूँ साथ अच्छे किस्म की धान पैदा करके मार्केट में सेल करता हूँ। फल और सब्जी भी इसी विधि पैदा किया जाता है। 


ऐसे करते हैं मोटी कमाई
खेती में सफलता पाने के बाद रजनीश ने मछली पालन, मुर्गा पालन और मधुमक्खी पालन का काम शुरू किया. इस काम में भी वह सफल हुए. आपको बता दें कि वह  तलाब में आधा दर्जन से ज्यादा वेरायटी की मछली पालते हैं. इस व्यवसाय से उन्हें साल में 12 से 15 लाख का मुनाफा होता है. वहीं, पिछले साल से रजनीश ने मुर्गा फार्म भी डाल दिया, वह देशी और फार्म वाला दोनों मुर्गे पालकर बेचते है. इससे भी मोटी कमाई होती है.


तकरीबन 50 से 60 लाख का कमाते हैं मुनाफा
जी मीडिया खास बात चीत करते हुए रजनीश ने बताया कि खेती, मछली, मुर्गा और मधुमक्खी पालन करने वह एक साल में तकरीबन 50 से 60 लाख रुपये का मुनाफा कमाते हैं. 


किसानों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं रजनीश 
रजनीश सिंह उन युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है जो लोग अपना घर परिवार छोड़कर महानगरों में दो जून की रोटी के लिए धक्के खा रहे है। अगर वे लोग इस युवक की तर्ज पर अपने गांव मे खेती करे तो गांव में रहकर अच्छा मुनाफा कमाने के साथ अपने घर परिवार के साथ सुखमय जीवन व्यतीत कर सकते है.