Hathras: सुनो सरकार! क्या ऐसे होगी किसानों की आय दोगुनी, जब पैदावार होगी कचरे के हवाले?
कभी-कभी हमारे सामने ऐसी तस्वीर (Pictures) सामने आती है, जो हमें सोचने पर मजबूर कर देती है. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हाथरस जिले से कुछ ऐसी ही तस्वीर सामने आई है. जहां सब्जियों का राजा माने जाने वाले आलू की बेकदरी देखने को मिल रही है.
दीपेश शर्मा/हाथरस: कभी-कभी हमारे सामने ऐसी तस्वीर (Pictures) सामने आती है, जो हमें सोचने पर मजबूर कर देती है. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हाथरस जिले से कुछ ऐसी ही तस्वीर सामने आई है. जहां सब्जियों का राजा माने जाने वाले आलू की बेकदरी देखने को मिल रही है. दरअसल, आलू को इन दिनों कोल्डस्टोरेज (Cold Storage) के बाहर सड़क के किनारे फेंके जा रहे हैं. आइए आपको बताते हैं आखिर क्यों किसान मेहनत और खून पसीना लगाकर उगाई गई फसल (Crop) को सड़क किनारे फेंक रहे हैं. इसकी वजह जानकर आप चौंक जाएंगे.
कोल्डस्टोरेजों के बाहर सड़कों के किनारे फेंका जा रहा
आपको बता दें कि यूपी के हाथरस जिले में सब्जियों का राजा आलू इन दिनों कोल्डस्टोरेजों (Cold Storages) के बाहर सड़कों के किनारे फेंका जा रहा है. दरअसल, फेंके जा रहे इस आलू की कीमत, कोल्डस्टोरेज के किराए से भी कम हो गई है. इसलिए अपना आलू समय से बाजार में बेचने से वंचित रह गए किसान, ऐसा करने को मजबूर हैं. बता दें कि कहीं ज्यादा कीमती पर तैयार की गई आलू की फसल को किसानों ने अच्छे मुनाफे के लिए कोल्ड में रखा था, लेकिन अब उन्हें कोल्डस्टोरेज के किराए जितना पैसा भी इसका नहीं मिल पा रहा है.
कम से कम मिल जाती लगात
ऐसे में इन किसानों का आलू ना बिका सका, न ही किसान उसे उठा सका. इसलिए कोल्डस्टोरेज के मालिकों ने इन आलू को सड़क किनारे फेंक दिया जा रहा है. अब किसानों की पैदावार बर्बाद हो रही है, इसे अब पशु खा रहे हैं या कुछ गरीब उसमें से खाने लायक कुछ आलू बीन कर ले जा रहे हैं. आपको बता दें कि हाथरस जनपद में आलू की खेती बड़े स्तर पर की जाती है. दरअसल, किसानों के इस आलू की सही कीमत लग गई होती, तो यह आलू सड़कों पर नहीं फेंका जाता. कम से कम किसान को मुनाफा ना सही, लेकिन लगात तो मिल ही जाती.