चंदौली: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीते बुधवार को बांदा में अपनी विजय रथ यात्रा के दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर योगी सरकार पर जबरदस्त हमला बोला. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लिए बिना उन पर तीखी टिप्पणी की थी. अखिलेश कहा था कि जिसका परिवार ही नहीं वह परिवार वालों का दर्द कैसे समझेगा? 


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उन्होंने कह, ''हम सबने देखा जब लॉकडाउन लगाया गया तब कैसे प्रवासी मजदूर पैदल घर को निकले. कई लोगों की मौत तक हो गई. लेकिन भाजपा सरकार ने उनके लिए कुछ नहीं किया. पुलिस ने पैसे लेकर लोगों को जाने दिया. यह दर्द वही समझ सकता है जिसका परिवार हो, जिसका परिवार ही नहीं वह परिवार वालों की परवाह क्यों करेगा?'' अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश के उस बयान का जवाब ट्वीट के जरिए दिया है.



मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट में लिखा, ''उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता ही मेरे लिए मेरा परिवार है.'' इससे पहले चंदौली में जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा मुखिया अखिलेश यादव के बयान का जवाब दिया. उन्होंने कहा, ''उनके लिए अपना परिवार ही पूरा प्रदेश था, हमारे लिए प्रदेश की 25 करोड़ जनता ही परिवार है. परिवार की इस परिभाषा को अखिलेश यादव समझे होते तो संभवत: मुझ पर परिवार न होने का कोई आक्षेप नहीं करते. मैं जो भी करूंगा इस 25 करोड़ परिवार के बारे में सोच कर करूंगा. लेकिन तुम्हारी संकुचित सोच थी इसलिए सिर्फ अपने परिवार के लिए करते थे.''



मुख्यमंत्री ने कहा, ''आज विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है. वे परिवारवाद, वंशवाद से ऊपर नहीं उठ पाए. माफियागीरी, गुंडागर्दी, विकास के पैसों पर डकैती डालकर बाहर भेजते थे. आज वही पैसा पौराणिक स्थलों के सुंदरीकरण और जीर्णाेद्धार के लिए खर्च हो रहा है. सपा वालों से पूछा जाना चाहिए कि चार बार उन्हें सत्ता मिली थी, लेकिन उन्होंने रामभक्तों पर गोलियां चलवाई थीं. विकास उनके एजेंडे में नहीं था. प्रदेश में पर्व और त्योहार नहीं मनाने दिया जाता था, दंगे होते थे. उनके मंत्री बहन बेटियों की इज्जत से खिलवाड़ करते थे. आज हमारी सरकार को साढ़े चार वर्ष से ज्यादा का समय हो गया है. यूपी में एक भी दंगा नहीं हुआ है. शांतिपूर्ण तरीके से पर्व मनाएं जा रहे हैं.''


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आपको बता दें कि योगी आदित्यनाथ संन्यासी हैं. वह गोरखपुर स्थित गोरक्षनाथ पीठ के महंत हैं. उन्होंने छोटी उम्र में ही पारिवारिक जीवन त्यागकर संन्यास ले लिया था और नाथ सांप्रदाय से जुड़कर दीक्षा ली थी. अखिलेश यादव पहले भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर इस प्रकार की टिप्पणी करते रहे हैं. रविवार को ही लखनऊ में समाजवादी व्यापार सभा सम्मेलन को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बदलाव का माहौल दिखाई दे रहा है. हम सरकार के कामकाज को देखें तो इतनी तकलीफ किसी पार्टी ने नहीं दी होगी जितनी BJP ने दी है. सुना है कि योगी जी 24 घंटे काम करते हैं, शायद तभी इतनी बेरोजगारी है.


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