UP Chunav में परशुराम की एंट्री: अखिलेश पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किनारे लगवाएंगे108 फीट की मूर्ति
UP Election 2022: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) एक बार फिर ब्राह्मणों को रिझाने के लिए 11 दिसंबर को सुल्तानपुर जिले में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किनारे भगवान परशुराम की मूर्ति लगाने की तैयारी में हैं.
UP Vidhan Sabha Chunav 2022. लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) में अब कुछ महीने का ही समय बच गया है. यूपी चुनाव (UP Chunav) से पहले पहले ब्राह्मण मतदाताओं को रिझाने की होड़ मची है. विधानसभा चुनाव आते ही ब्राह्मणों को साधने के लिए समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का 'परशुराम' प्रेम जाग गया है. इसी क्रम में समाजवादी पार्टी अब सुल्तानपुर (Sultanpur) में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे (Purvanchal Expressway) के किनारे 108 फीट ऊंची भगवान परशुराम की मूर्ति लगवाने जा रही है. ताकि सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से सफर करने वाले सपा की ओर से लगवाई गई परशुराम की मूर्ति देख सकें.11 दिसंबर को तारीख तय की गई है.
मूर्तिकार राजकुमार पंडित कर रहे मुर्ति को तैयार
जानकारी के मुताबिक समाजवादी पार्टी के ब्राह्मण नेता लम्भुआ से विधायक रहे संतोष पांडेय भगवान परशुराम की मूर्ति तैयार करवा रहे हैं. जयपुर के मशहूर मूर्तिकार राजकुमार पंडित परशुराम की मूर्ति को तैयार कर रहे हैं. सपा मूर्ति के स्थापना के दिन एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन भी करने वाली है, जिसमें यूपी के तमाम महामंडलेश्वर भी शामिल हो सकते हैं.
इसके अलावा यहां पर एक जनसभा का आयोजन होगा, जिसमें शामिल होने के लिए ब्राह्मण वर्ग को विशेष न्योता दिया जाएगा. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव एक बार फिर ब्राह्मणों को रिझाने के लिए 11 दिसंबर को सुल्तानपुर जिले में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किनारे भगवान परशुराम की मूर्ति लगाने की तैयारी में हैं.
उत्तर प्रदेश के सवर्णों की बात करें तो इनकी संख्या 19 फीसदी के आसपास है. इनमें ब्राह्मण सबसे ज्यादा प्रभावी हैं. पश्चिमी यूपी के वोटरों में इनकी संख्या 20 फीसदी की है, जबकि कुल आबादी 12 फीसदी के आसपास है. यही वजह है कि अब इस वोट बैंक पर सबकी नजर है. कुछ महीने पहले प्रदेश के सियासत के केंद्र में ब्राह्मण थे. सभी राजनीतिक दल ब्राह्मणों को लेकर घोषणाएं कर रहे थे. इस ब्राह्मण सियासत में सबसे पहले समाजवादी पार्टी ने भगवान परशुराम की मूर्ति लगवाने की घोषणा की थी.
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