प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. इस मामले में कोर्ट का क्या रुख रहा और किसने यह याचिका दायर की थी, आइए आपको बताते हैं. दरअसल, हाईकोर्ट ने साल 2018 में राजस्थान के अलवर जिले में चुनाव प्रचार अभियान के दौरान कथित तौर पर आपत्तिजनक भाषण देने के लिए सीएम योगी के खिलाफ इस मामले में एक्शन के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था. वहीं, सीएम योगी के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का निर्देश पारित करने के अनुरोध वाली याचिका को शुक्रवार को कोर्ट ने खारिज कर दिया.


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याचिकाकर्ता पर हाईकोर्ट ने लगाया अर्थदंड
आपको बता दें कि शुक्रवार को न्यायमूर्ति समित गोपाल ने दायर याचिका को खारिज कर दिया. दरअसल, मऊ जिले के नवल किशोर शर्मा ने सीएम के खिलाफ याचिका दायर याचिका की थी. इस याचिका को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति ने कहा कि एस मामले में सुनवाई का अधिकार क्षेत्र इस अदालत के पास नहीं है. वहीं, अदालत ने उल्टा याचिकाकर्ता पर 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया.


याची की धार्मिक भावना हुई थी आहत
इस मामले में याचिकाकर्ता नवल किशोर शर्मा ने जानकारी दी. नवल की माने तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 23 नवंबर 2018 को राजस्थान के अलवर  में चुनाव प्रचार अभियान के दौरान भाषण दिया, जो आपत्तिजनक था. मुख्यमंत्री के उस भाषण से उनकी धार्मिक भावना आहत हुई थी, जिसको लेकर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.


सत्र न्यायालय भी खारिज कर चुका था मामला
आपको बता दें कि इससे पहले भी याची ने इस मामले में मऊ जिला अदालत में शिकायत की थी, जिसके बाद इस मामले को निचली अदालत ने खारिज कर दिया था. नवल ने तब भी हार नहीं मानी और सत्र न्यायालय में पुनरीक्षण के लिए याचिका दायर की, जिसके बाद सत्र न्यायालय ने भी उस याचिका को खारिज कर दिया. फिर क्या था याची ने निचली अदालतों के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और याचिका दायर की, जिसमें याची ने हाईकोर्ट से मामले में हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का निर्देश पारित करने का अनुरोध किया था. इस मामले से जुड़ी याचिका को हाईकोर्ट ने भी खारिज कर दिया.


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