माफिया अतीक अहमद के दोनों बेटों को बाल सुधार गृह में रखने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए ये फैसला दिया. कोर्ट ने पोषणीयता के आधार पर याचिका खारिज की. बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका अतीक की पत्नी ने दाखिल की थी याचिका. इसमें उसके दोनों बेटों को न्यायालय के समक्ष पेश करने की मांग की गई थी. अहजाम अहमद और एक अन्य नाबालिग बेटों को बाल सुधार गृह में रखने को कोर्ट में चुनौती दी गई थी. इसमें यूपी सरकार औऱ पांच अन्य को प्रतिवादी बनाया गया था. जस्टिस विवेक कुमार बिरला ने याचिका पर सुनवाई की. 


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हाईकोर्ट ने शाइस्ता परवीन की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका ठुकरा दी है.कोर्ट ने शाइस्ता परवीन की याचिका को सुनवाई योग्य नही माना. कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में दोनों नाबालिग बेटों को बाल सुधार गृह में रखने की जानकारी दी है.चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के समक्ष अपनी बात रखने की कोर्ट ने छूट दे दी है.माफिया अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन ने लंबे समय से मांग करती रही है कि उनके बेटों को पुलिस ने बंधक बना रखा है. पुलिस उनकी हत्या करा सकती है. उसने बेटों को अदालत के समक्ष पेश करने और परिवार को वापस सौंपने की मांग रखी है. पुलिस पर नाबालिग बेटे एहजम और अबान को अवैध हिरासत में रखने का आरोप उसने लगाया है. 


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