प्रयागराज: बीजेपी सांसद कमलेश पासवान और उनके छह समर्थको को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. 15 साल पुराने मामले में हाईकोर्ट ने कमलेश पासवान और उनके समर्थकों की जमानत मंजूर की. 2008 में सड़क जाम कर उपद्रव करने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ था. गोरखपुर की निचली अदालत ने बांसगांव से बीजेपी सांसद कमलेश पासवान और उनके समर्थकों को डेढ़ साल की सजा सुनाई थी. कमलेश पासवान ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सजा को चुनौती दी थी. कोर्ट ने मामले में कमलेश पासवान और उनके समर्थकों को हाईकोर्ट में याचिका लंबित रहने तक जमानत दे दिया है. 


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विशेष न्‍यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट ने अपील को निरस्‍त करते हुए सांसद और उनके समर्थकों को 15 दिन के भीतर अपर मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट के सामने सरेंडर करने का आदेश दिया था. इसके बाद सांसद और उनके समर्थकों ने इस आदेश के विरुद्ध हाई कोर्ट की शरण ली थी. यहां क्रिमिनल रिवीजन दाखिल किया गया जिस पर उच्च न्यायालय ने सांसद और सभी 6 लोगों को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. न्यायमूर्ति राजीव मिश्रा की पीठ ने यह आदेश इस तथ्य पर विचार करते हुए पारित किया कि पासवान एक सांसद हैं और निचली अदालत का फैसला उनके सार्वजनिक जीवन पर कलंक लगाएगा.  


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कमलेश पासवान तब समाजवादी पार्टी में थे और तब शिवपाल यादव और अखिलेश यादव की गिरफ्तारी के विरोध में मेडिकल कॉलेज के मेन गेट वाली सड़क को जाम कर दिया था. आरोप है कि उन्होंने समर्थकों के साथ मिलकर नारेबाजी करते हुए तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री का पुतला दहन करने की कोशिश की थी. इस मामले में अधीनस्‍थ कोर्ट से कमलेश पासवान और उनके समर्थकों को सजा के आदेश जारी हुए थे. इस पर उन्‍होंने अपील दाखिल की थी.


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