प्रयागराज: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में नए शिक्षा सत्र 2022-23 में प्रवेश लेने वाले छात्रों को बड़ा झटका लग सकता है. 25 जून को विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल की बैठक में फीस बढ़ाने और 10 नए इंटीग्रेटेड कोर्स शुरू करने जैसे कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. अगर सभी की सहमति से बनी तो फीस बढ़ाने के फैसले पर भी मुहर लग सकती है. 


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वित्तीय संसाधनों की कमी की वजह से बढ़ सकती है फीस
फीस बढ़ाने के प्रस्ताव पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पीआरओ का कहना है कि वर्ष-2012 में  विश्वविद्यालय की ट्यूशन फीस 12 रुपये थी और अभी 900 रुपये है, जो सभी जगहों से काफी कम है. विश्वविद्यालय लंबे समय से वित्तीय संसाधनों की कमी का सामना कर रहा है और आने वाले समय में विश्वविद्यालय को अपने संसाधन जुटाने की जरूरत पड़ेगी, जिसके लिए फीस बढ़ाना जरूरी है. 


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प्री पीएचडी कोर्स में एकरूपता लाने की हो रही तैयारी 
वर्तमान में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में विभागवार छह-छह माह का प्री पीएचडी कोर्स संचालित किया जाता है, जिससे परीक्षाएं भी अलग-अलग समय पर होती हैं. अब विश्वविद्यालय में प्री पीएचडी कोर्स में एकरूपता लाने की तैयारी भी कर रहा है. प्री पीएचडी कोर्स के लिए संकायवार (कला, विज्ञान, वाणिज्य और विधि) नया पाठ्यक्रम तैयार किया जा चुका है, जिसका प्रस्ताव एकेडमिक काउंसिल की बैठक में रखा जाएगा. 


राज्य विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए आवेदन आज से
राज्य विश्वविद्यालय में सत्र 2022-23 के तहत प्रवेश प्रकिया 25 जून से शुरू होने जा रही है. अलग-अलग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए इच्छुक अभ्यर्थी आज से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. अभ्यर्थियों को प्रवेश मेरिट के आधार पर दिया जाएगा. नए सत्र में स्नातक स्तर पर तीन नए इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रमों की 60-60 सीटों पर भी छात्र प्रवेश ले सकेंगे. 


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