प्रभात अवस्थी/कानपुर:सपा विधायक इरफान सोलंकी के आगजनी मामले के फैसले पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. जाजमऊ आगजनी मामले में अंतिम फैसला सुनाने पर हाईकोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है. मुकदमे में आरोपी सपा विधायक इरफान सोलंकी के भाई रिजवान की ओर से हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर जवाब दाखिल करने के लिए विपक्षी की ओर से समय मांगा गया है. बता दें कि फिलहाल सपा विधायक महराजगंज जेल में बंद हैं.


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मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 10 अक्टूबर की तारीख दी है. साथ ही तब तक मुकदमे में फैसला सुनाने पर रोक लगा दी है. हालांकि, इससे सेशन कोर्ट में चल रही मुकदमे की सुनवाई पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. निचली अदालत में सुनवाई जारी रहेगी. इरफान और रिजवान के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने बताया कि विपक्षी की ओर से याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है. उन्होंने बताया कि सपा विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी ने साक्ष्य के बचाव में चार प्रार्थना पर दिए थे. 


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अधिवक्ता शिवाकांत ने बताया कि दो प्रार्थना पत्र नजीर फातिमा और कनीज की हैंडराइटिंग की जांच के लिए दिए थे, क्योंकि जो शुरुआती मुकदमा दर्ज हुआ है उसमें प्रार्थना पत्र पर साइन कनीज के न होकर नजीर के हैं. इसकी जांच के लिए हैंडराइटिंग की जांच करवाई जाए. इसके साथ ही एक और प्रार्थना पत्र दिया था कि गवाह और सपा विधायक और उनके भाई रिजवान की लोकेशन और सीडीआर की जांच कर ली जाए और रिपोर्ट न्यायालय में सबमिट कर दी जाए, जिसको न्यायालय द्वारा निरस्त कर दिया गया था. इसके बाद हम लोग उच्च न्यायालय गए थे. इस पूरे मामले पर उच्च न्यायालय ने जजमेंट सुनाने पर रोक लगा दी है.


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