विनीत अग्रवाल/अमरोहा: यूपी के अमरोहा में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां एक शख्स ने नौकरी पाने के लिए अपना बाप बदल लिया. हैरानी की बात है कि उसने एक मरे हुए शख्स को अपना बाप बना लिया. जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद नगर पालिका परिषद अमरोहा के अधिशासी अधिकारी बृजेश कुमार के द्वारा उसे नौकरी से बर्खास्त किया गया है. 


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नौकरी पाने के लिए उठाया कदम
बता दें कि अमरोहा में एक शख्स ने नौकरी पाने के लिए अपना बाप बदल लिया. युवक ने एक मरे हुए शख्स को अपना बाप बना लिया. दरअसल, शख्स ने मृतक आश्रितों को मिलने वाली नौकरी पाने के लिए ये कदम उठाया. आरोपी ने फर्जी प्रमाण पत्र बनवाए और एक मरे हुए शख्स को अपना पिता बताकर नौकरी ली. अब आरोपी की नौकरी भी गई और उसको अब तक मिले वेतन की वसूली की जाएगी. आरोपी कर्मी को पालिका प्रशासन ने नौकरी से बर्खास्त कर दिया है. इस बारे में जानकारी देते हुए ईओ ने कहा कि 15 दिन के अंदर आरोपी से सैलेरी रिकवरी के निर्देश दिए हैं. 


क्या है पूरा मामला
बताया जा रहा है कि अभिलेखों में हेराफेरी कर कर्मी ने तहसील से फर्जी वारिसान प्रमाण पत्र बनवाकर नौकरी हथियाई थी. तहसीलदार की जांच रिपोर्ट में इसका राजफाश होने पर ईओ ने कार्रवाई की गई है. 


पालिका में सफाई नायक पद पर तैनात कर्मी की 2021 में हुई थी मृत्यु 
जानकारी के मुताबिक शहर के मुहल्ला सराय कोहना निवासी शील कुमार पालिका में कार्यवाहक सफाई नायक के पद पर थे. उनकी 17 नवंबर 2021 में मृत्यु हो गई. उनकी कोई भी संतान नहीं थी. उनकी मौत पर मृतक आश्रितों को नौकरी देने वाले कोटे से उनके परिवार को भी नौकरी मिलने का प्रावधान था. ऐसे में उनके छोटे भाई दुर्वेश कुमार के बेटे विजेंद्र सिंह ने नौकरी हथियाने के चक्कर में फर्जी अभिलेख तैयार कर लिए और तहसील से फर्जी वारिसान प्रमाण पत्र बनवा लिया जिसके लिए हल्का लेखपाल के साथ मिलीभगत की. 


फर्जी पत्र से ऐसे किया खेल
फर्जी पत्र में आरोपी ने पिता का नाम शील कुमार दिखाया. इसके आधार पर मृतक आश्रित के रूप में नौकरी की दावेदारी कर दी. उसे 24 फरवरी 2022 को मृतक आश्रित के रूप में सफाई कर्मी के पद पर नियुक्त किया गया. वो तभी से नौकरी कर रहा और वेतन ले रहा था. वहीं गांव बलदाना के जयपाल सिंह ने एसडीएम सदर से फर्जी वारिसान प्रमाण पत्र जारी करने का आरोप लगाकर जांच कार्रवाई की मांग की.  
इसके बाद जांच बैठी और प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया. कार्रवाई के तहत ईओ ने आरोपी को बर्खास्त कर दिया. वेतन वसूली 15 दिन में होनी है और धनराशि जमा न होने पर उसकी चल अचल संपत्ति से वसूली की जाएगी. 


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