विनीत अग्रवाल/अमरोहा: उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में मदरसों का लगातार सर्वे किया रहा है. शासन द्वारा कराए जा रहे इस सर्वे के दौरान कई अनियमितताएं भी सामने आ रही हैं. ऐसा में एक मामला यूपी के अमरोहा में सामने आया है. जहां मदरसे के नाम पर स्कूल चलाया जा रहा था. आइए बताते हैं पूरा मामला.


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1999 में पंजीकृत हुआ था मदरसा
दरअसल, अमरोहा में मदरसे का सर्वे करने के लिए जिला प्रशासन की टीम पहुंची थी. जहां मदरसे में फर्जीवाड़ा मिला है. बता दें कि 1999 में पंजीकृत मदरसा अल जाफरिया के नाम पर मज पब्लिक स्कूल संचालित होता मिला. इस मामले में एसडीएम ने कार्रवाई करने की बात कही है.


शासन के निर्देश पर हो रहा मदरसों का सर्वे
आपके बता दें कि योगी सरकार के निर्देश पर अमरोहा डीएम ने सभी तहसीलों के एसडीएम के नेतृत्व में टीम गठित की है. ये टीम जिले के सभी मदरसों का सर्वे कर रही है. टीम आज एसडीएम सदर अनिल कुमार के नेतृत्व में सर्वे करने मोहल्ला चाहगोरी पहुंची. इस दौरान जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी भी टीम में मौजूद रहे. जहां पर उन्हें एक ऐसा मदरसा मिला जिसमें एक साथ दो-दो काम हो रहे थे.


मदरसे की बिल्डिंग में संचालित हो रहा स्कूल
आपको बता दें कि मदरसे के नाम पर बिल्डिंग में स्कूल भी संचालित हो रहा था. हैरानी की बात ये है कि स्कूल का रजिस्ट्रेशन तक नहीं था. जब पूरे दस्तावेज खंगाले गए तो अलग ही सच्चाई सामने आई. जांच में पता चला कि सिर्फ मदरसा रजिस्ट्रेशन 1999 में रजिस्टर्ड  हुआ था. बावजूद इसके धड़ल्ले से पब्लिक स्कूल संचालित किया जा रहा था.


एसडीएम ने दी जानकारी
दरअसल, मामले की प्रशासन को जानकारी मिली थी. सूचना  की पुष्टि होने के बाद एसडीएम ने बारीकी से निरीक्षण किया. जांच के दौरान मानक से छोटे कमरे मिले. इसके अलावा बकायदा फ्लेक्स बोर्ड भी मिले. जिस पर स्कूल के नाम की प्रचार-प्रसार की सामग्री भी मिली. इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए एसडीएम सदर अनिल कुमार ने कहा कि  मामले की गहन जांच की जा रही है. जांच पूरी करने के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार दोषियों के खिलाफ कड़ी करवाई की जाएगी.


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