लखनऊ : माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद के साथ ही उसके भाई अशरफ की हत्या कर दी गई. शनिवार (15 अप्रैल) की रात हुई इस सनसनी खेज हत्या को लेकर अब बीजेपी (BJP) समेत अन्य नेताओं की प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं. आइए जानते हैं किन नेताओं ने क्या कहा. 


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"पाप-पुण्य का हिसाब"
सबसे पहले बात करते हैं प्रदेश के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह (Swatantra Dev Singh) की प्रतिक्रिया की. स्वतंत्र देव सिंह ने अपने ट्वीट में कहा कि "पाप-पुण्य का हिसाब इसी जन्म में होता है." 



वहीं बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने भी इस घटना पर ट्वीट किया. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है कि "जब राक्षसों का संहार होता है तब पृथ्वी का भार कम होता है।" वहीं बीजेपी से सांसद सत्यदेव पचौरी ने जय श्री राम के साथ अपनी बात खत्म करते हुए कहा कि कर्म प्रधान विश्व करी राखा, तो तस करहीं सो तस फल चाखा, जय श्री राम. 


 सुरेश खन्‍ना का बयान


प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री है सुरेश खन्‍ना (Suresh Kumar Khanna) जिन्होंने अतीक अहदम के अंत को लेकर प्रतिक्रिया दी। सुरेश खन्ना ने इसे आसमानी फैसला बताया है. सुरेश खन्ना ने अपने बयान में कहा कि जब जुल्म की इंतहा होती है तो कुछ फैसले आसमान से होते हैं. सरकार ने इस बात की हर तरह से कोशिश की कि कानून व्यवस्था को बनाए रखे. योगी सरकार ने अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का नारा दिया था, सरकार उसपर कायम हैं. बीजेपी नेता आशीष शेलार ने कहा कि अगर गुंड़े हैं और मारे गए हैं तो इस पर हाय तौबा करने की जरूरत नहीं है. 


अखिलेश यादव ने भी किया ट्वीट


सत्ता पक्ष की प्रतिक्रिया के साथ ही विपक्ष की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh yadav)) ने अतीक अहमद की हत्या को लेकर ट्वीट किया है. अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में लिखा कि उत्तर प्रदेश में अपराध की पराकाष्ठा हो गयी है, उन्होंने कहा कि अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच सरेआम गोलीबारी करके किसी की हत्या की जा सकती है, ऐसे में आम जनता की सुरक्षा का क्या। अखिलेश ने कहा कि इससे जनता के बीच भय का वातावरण बन रहा है, लगता है कुछ लोग जानबूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं।



मायावती ने क्या कहा? 


वहीं सपा प्रमुख मायावती (Mayawati) ने अपने ट्वीट के जरिए यूपी सरकार की कानून-व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़े किए हैं. मायावती ने अपने ट्वीट में लिखा कि गुजरात जेल से अतीक अहमद और बरेली जेल से लाए गए उनके भाई अशरफ की प्रयागराज में कल रात पुलिस हिरासत में ही खुलेआम गोली मारकर हत्या हुई, उमेश पाल जघन्य हत्याकाण्ड की तरह ही, यूपी सरकार की कानून-व्यवस्था व उसकी कार्यप्रणाली पर अनेकों गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े करती है।



मायावती ने अपने एक दूसरे ट्वीट में सुप्रीम कोर्ट का जिक्र किया, उन्होंने लिखा कि- देश भर में चर्चित इस अति-गंभीर व अति-चिन्तनीय घटना का माननीय सुप्रीम कोर्ट अगर स्वंय ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो बेहतर। वैसे भी उत्तर प्रदेश में "कानून द्वारा कानून के राज" के बजाय, अब इसका इण्काउण्टर प्रदेश बन जाना कितना उचित? सोचने की बात।



सभी जिलों में धारा 144 
आपको बता दें कि बीते शनिवार की रात को अतीक और अशरफ की  गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस हत्या को अज्ञात हमलावरों ने उस समय अंजाम दिया जब दोनों को पुलिस प्रयागराज में मेडिकल कॉलेज ले जा रही थी. इस संबंध में प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने उच्‍च स्‍तरीय जांच कराए जाने का आदेश दिया है और तीन सदस्यीय जांच आयोग को गठित करने को भी कहा है. इस घटना के बाद से ही प्रदेश के हर एक जिले में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागा दी गई है. 


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