Atique Ahmed murder Case: एनसीआर में मिले थे अतीक के हत्यारे, यूपी पुलिस ने लवलेश के तीन साथी भी दबोचे
Atique Murder Case: माफिया अतीक अहमद की हत्या की जांच के लिए ज्यूडिशियल कमीशन के सदस्य आज प्रयागराज पहुंच रहे हैं... सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर ज्यूडिशियल कमीशन का गठन किया गया है.... इस जांच आयोग में कुल तीन सदस्य हैं. आयोग के सदस्य हत्या की जांच के लिए घटनास्थल पर जा सकते हैं...
Atique Murder Case: माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की तलाश में पुलिस प्रयागराज से कौशाम्बी तक छापेमारी कर रही है. दोनों जिलों के कछारी इलाकों में पुलिस ने कांबिग की. पुलिस ने 200 से ज्यादा घरों की तलाशी ली. 2 दर्जन से अधिक महिलाओं से भी शक के आधार पर पूछताछ की गई. अतीक अशरफ हत्याकांड से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. सूत्रों के मुताबिक तीनों हत्यारों की मुलाकात एनसीआर में हुई थी. वहीं शाइस्ता परवीन और गुड्डू मुस्लिम (Guddu Muslim) की तलाश में आज भी छापेमारी जारी रहेगी.
बांदा रेलवे स्टेशन से हिरासत में लिए गए लवलेश के तीनों दोस्त
एसआईटी ने बांदा (Banda) से अतीक और अशरफ की हत्या के मुख्य आरोपी लवलेश तिवारी के तीन दोस्तों को हिरासत में लिया गया है. एसआईटी इंस्पेक्टर की अगुवाई में कार्रवाई की गई है. एसआईटी टीम की हमीरपुर और कासगंज भी पहुंची. बताया जा रहा है कि लवलेश तिवारी को मीडिया की ट्रेनिंग दे रहे थे.
सनी और सुंदर गिरोह का शूटर दिनेश भाटी की जेल में मुलाकात
कानपुर जेल में सनी और सुंदर गिरोह का शूटर दिनेश भाटी (Dinesh Bhati) साथ में रहे थे. जांच एजेंसियां इस पर जांच कर रही हैं हमीरपुर में सनी से लवलेश तिवारी की मुलाकात हुई थी और करीब एक महीने दोनों साथ में रहे थे.
प्रयागराज में हत्या की जांच के लिए ज्यूडिशियल कमीशन के सदस्य
माफिया अतीक अहमद की हत्या की जांच के लिए ज्यूडिशियल कमीशन के सदस्य आज प्रयागराज पहुंच रहे हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर ज्यूडिशियल कमीशन का गठन किया गया है. इस जांच आयोग में कुल तीन सदस्य हैं. आयोग के सदस्य हत्या की जांच के लिए घटनास्थल पर जा सकते हैं.
लखनऊ की फॉरेंसिक टीम की मदद लेगी एसआईटी
एसआईटी अपनी जांच के लिए लखनऊ की फॉरेंसिक टीम की मदद लेगी. लखनऊ से आज टीम प्रयागराज पहुंचेगी. इसके बाद टीम sit के साथ आज या कल में मौके पर जाकर रिक्रिएशन करेगी.
पुलिस ने आरोपियों से की सवालों की बौछार
कैमरा और माइक आईडी कहां से मिली, इससे पहले प्रयागराज कितनी बार आये थे , अस्पताल में इतनी भारी सुरक्षा होने के बाद भी ये कदम क्यों उठाया, जवाब में अगर तुम लोगों पर पुलिस फायर करती तो क्या प्लान था तुम लोगों का, क्या इससे पहले भी किसी बड़ी वारदात में शामिल रहे हो जैसे सवाल दागे गए. सूत्रों के मुताबिक अधिकतर सवालों के जवाब में आरोपी एक दूसरे का मुंह देखते रहे और गोल-गोल जवाब देते रहे.
पुलिस रिमांड पर लिए जाने के बाद आरोपियों के सामने पुलिस ने सवालों की बौछार कर दी. पुलिस के सवाल -तुम तीनों कब से साथ हो, एक दूसरे के संपर्क में कैसे आये. प्रयागराज कब आये, हत्या की प्लांनिग कब की, प्रयागराज में कहां रुके -क्या प्रयागराज के किसी लोकल ने मदद की, मीडिया से नही थे तो अतीक-अशरफ के अस्पताल आने की सटीक सूचना कैसे मिली, क्या किसी मीडियाकर्मी के भी संपर्क में थे -
वैज्ञानिक साक्ष्य भी एकत्र करने में जुटी एसआईटी
विवेचना के दौरान एसआईटी शूटरों के खिलाफ वैज्ञानिक साक्ष्य भी एकत्र करने में जुट गई है. इसके तहत फोरेंसिक टीम ने आरोपियों के फिंगर प्रिंट के नमूने भी लिए हैं. जल्द ही इन्हें जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा जाएगा
सामान्य तरीके से ही व्यवहार करते रहे आरोपी
एसआईटी की कस्टडी रिमांड में शूटर सामान्य तरीके से ही व्यवहार करते रहे, कहीं से भी नहीं लगा कि उन्हें किसी बात का जरा भी खौफ है. यहां तक कि सबसे कम उम्र का शूटर अरुण मुस्कुराता भी रहा. तीनों शूटरों ने खाना भी खाया.
कालवीन अस्पताल की रेकी की थी
15 अप्रैल को दिन में ही कालवीन अस्पताल की रेकी की थी. दो नए मोबाइल खरीदे थे लेकिन सिमकार्ड के लिए फर्जी आईडी नहीं जुटा पाए. एनसीआर कनेक्शन के चलते ही जितेंद्र गोगी ने एनसीआर चैनल की आईडी,बड़ा कैमरा,आई कार्ड दिया था. डर पर काबू पाने के लिए जय श्री राम का नारा लगाया.
लखनऊ पुलिस कस्टडी में सनी का बयान
नई दिल्ली के जितेंद्र गोगी गिरोह के संपर्कों से असलहे मिले थे. जितेंद्र गोगी इन तीनों से एनसीआर में बड़ी घटना कराना चाहते थे. इससे पहले सितंबर 2021 में जितेंद्र गोगी की रोहिणी कोर्ट में हत्या हो गई. ये गिरोह असलहे बनाते भी और पंजाब से मंगाते भी थे. तीनों लारेंस विश्नोई बनना चाहते थे. अस्पताल में पुलिस पर गोली चलाने का प्लान नहीं था. मरने नहीं आए थे इसलिए सरेंडर किया. सीसीटीवी फुटेज में कहीं भी बाईक पर नहीं दिखे. 13 अप्रैल को लखनऊ से बस से प्रयागराज पहुंचे थे. 14 को कोर्ट में ही मारने का प्लान था. तीनों आरोपी कालविन अस्पताल से डेढ़ किलोमीटर दूर रेलवे स्टेशन के सामने होटल में रुके थे.
शाइस्ता परवीन अतीक गैंग के शूटरों के साथ
उमेश पाल हत्याकांड की जांच में जुटी एसटीएफ को ऐसे कई वीडियो मिले थे जिनमें शाइस्ता परवीन अतीक गैंग के शूटरों के साथ सार्वजनिक रूप से नजर आ रही थी. जांच में यह खुलासा हुआ है कि उमेश पाल की हत्या से पहले शूटरों की मीटिंग में शाइस्ता परवीन भी मौजूद थी. साबरमती जेल में बैठकर अतीक अहमद शूटरों को निर्देश दे रहा था. इसी तरह अशरफ बरेली जेल से बैठक में शामिल था. यह बात भी सामने आई है कि शाइस्ता ने शूटरों से कहा था कि उमेश पाल को मारकर अतीक गैंग की खोई हुई इज्जत वापस लानी है.
Watch: जिस पिस्टल से असद अहमद ने उमेश पाल पर चलाई थी गोली, उसे चेक करते हुए असद का वीडियो आया सामने