विशाल सिंह/लखनऊ : अयोध्या के धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद की इमारत अब परंपरागत स्वरूप में पांच मीनारों के बीच गुम्बद के साथ तैयार होगी. मस्जिद का नाम पैगम्बर मोहम्मद साहब के नाम पर मोहम्मद बिन अब्दुल्ला सल रखा गया है. इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष ज़ुफर फारूकी ने मुम्बई में सभी मसलक के उलमा के साथ बैठक में मस्जिद का डिजाइन बदलने और मस्जिद का नाम पैगम्बर मोहम्मद साहब के नाम पर रखने का फैसला लिया.


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राज्यों में फंड जुटाने का अभियान शुरू


कुछ महीनों से मस्जिद ट्रस्ट ने उत्तर प्रदेश को छोड़कर देश के अलग-अलग राज्यों में फंड जुटाने का अभियान शुरू किया है. फारूकी ने कहा कि हम जल्द ही अयोध्या में एक भव्य मस्जिद का निर्माण शुरू करेंगे.


यूपी सरकार ने दी एनओसी
हालांकि प्रस्तावित मस्जिद और अस्पताल का नक्शा अभी भी अयोध्या विकास प्राधिकरण के पास है क्योंकि प्राधिकरण से नक्शा जारी कराने के लिए मस्जिद ट्रस्ट को विकास शुल्क के रूप में प्राधिकरण को शुरुआत में एक करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा. उत्तर प्रदेश राज्य सरकार ने मस्जिद और अस्पताल के निर्माण के संबंध में सभी आवश्यक एनओसी दे दी है.


हॉस्पिटल चलाने की योजना
फारूकी के मुताबिक ''हम तीन सौ बिस्तरों वाला एक धर्मार्थ कैंसर अस्पताल बनाएंगे, अंतरराष्ट्रीय फार्मा कंपनी वॉकहार्ट ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. हाबिल खोराकीवाला ने धर्मार्थ आधार पर अस्पताल स्थापित करने और चलाने पर सहमति दी है.''


तहफ्फुज मस्जिद कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष हाजी अराफात शेख के मुताबिक '' नवंबर 2019 में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद आवंटित जगह पर बनने वाली नई मस्जिद भारत की सबसे बड़ी मस्जिद होगी. मस्जिद में 5,000 पुरुषों और 4,000 महिलाओं समेत 9,000 श्रद्धालु एक साथ नमाज अदा कर सकेंगे. पूरे मस्जिद परिसर में हमारे संसाधनों के माध्यम से अतिरिक्त भूमि की खरीद के साथ, चिकित्सा, शैक्षिक और सामाजिक सुविधाएं भी होंगी.''


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