अयोध्या: राम नगरी अयोध्या की आने वाले दिनों में धार्मिक व पर्यटन नगरी के रूप में विकसित होने के साथ इसकी औद्योगिक केंद्र के रूप में भी पहचान बनेगी. इसकी पहल योगी सरकार के द्वारा शुरू हो गई है. इसके लिए अयोध्या में एमएसएमई को 1600 करोड़ और औद्योगिक विकास विभाग को 11 हजार करोड़ के निवेश का लक्ष्य दिया गया है. इस योजना से अब अयोध्या का आर्थिक विकास ही नहीं होगा बल्कि कायाकल्प भी किया जाएगा और बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे. 


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दरअसल, उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए फरवरी में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट होने जा रही है. अयोध्या में एमएसएमई को 1600 करोड़ और औद्योगिक विकास विभाग को 11 हजार करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा गया है. इसमें जहां नए उद्योग लगाए जाने हैं. वहीं पुराने उद्योगों की कार्य क्षमता बढ़ाई जाएगी. निवेश करने वालो को यूपी सरकार नए उद्योगों के लिए सब्सिडी और छूट भी देगी.  11 नवंबर को एआईआईए के साथ में बैठक कराई गई थी. जिसमें 100 उद्योगपतियों ने हिस्सा लिया था. उसमें एसडीएम सोहावल भी थे. 


उपायुक्त उद्योग अमरेश कुमार पांडे ने बताया कि इसके लिए उद्यमियों से वार्ता करने के साथ-साथ वह उद्यमी जो देश के बाहर यह अन्य हिस्सों में उद्योग धंधे चला रहे हैं, उनसे भी संपर्क किया जा रहा है और कोशिश की जा रही है कि भारत में रहने वाले उद्यमियों के साथ-सथ विदेश में रहने वाले उद्यमी भी अयोध्या के साथ-साथ यूपी में निवेश करें. सीएम योगी, कैबिनेट मंत्री और गणमान्य व्यक्ति विदेशों में जाकर के उत्तर प्रदेश की वस्तुओं का प्रचार प्रसार करेंगे. जिससे वह हमारे यहां निवेश करें.


अयोध्या में जिस प्रकार श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण हो रहा है, उससे अयोध्या में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भीड़ लगातार बढ़ रही है. ऐसे में अयोध्या के उद्यमियों को लगता है कि अगर सरकार की योजना इमानदारी से लागू की जाती है और उस पर उसी तरह अमल होता है, तो अयोध्या का व्यवसाय सिर्फ राम मंदिर पर केंद्रित नहीं रहेगा. बल्कि उद्योग धंधों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे रोजगार पैदा होंगे और विकास की गति तेज होगी.


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