अयोध्या: इन दिनों सोशल मीडिया पर अयोध्या जेल का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो को देखकर आप यकीनन भावुक हो जाएंगे. एक 98 साल का बुजुर्ग व्यक्ति जेल से रिहा होता है. पर उसको लेने उसके परिवार से कोई नहीं आता है. ये जानकारी नहीं है कि उसका कोई है या भी नहीं.बुजुर्ग का नाम रामसूरत बताया जा रहा है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बुजुर्ग को लेने कोई नहीं आया
बताया जा रहा है कि 98 वर्षीय राम सूरत को एक मामले में पांच साल की जेल की सजा सुनाई गई थी. वह इसी सजा को काट रहा था. बुजुर्ग को आईपीसी की धारा- 452, 323 और 352 के तहत दोषी ठहराया गया था.जेल से छूटने पर जेल के कर्मचारियों ने उसे विदाई दी.बुजुर्ग जेल से रिहा तो हो गया पर उसको लेने के लिए उसका कोई अपना या परिवार का कोई शख्स लेने नहीं आया.


कोरोना की वजह से रिहाई में देरी
जानकारी के मुताबिक, बुजुर्ग को 8 अगस्त, 2022 को ही रिहा किया जाना था, लेकिन पता चला कि उसे कोविड हो गया. इसके बाद उसे 90 दिनों के पैरोल पर भेजा गया.


अधीक्षक जिला जेल अयोध्या ने अपनी गाड़ी से भेजा घर 
जेल अधीक्षक ने बुजुर्ग को उसके साढ़े 9 हजार रुपए वापस करते हुए पूछा कि आपको कोई लेने नहीं आया. इस पर बुजुर्ग ने अपना सिर हिलाते हुए ना में जवाब दिया.  मामला अयोध्या जेल का बताया जा रहा और बुजुर्ग का नाम रामसूरत है.  जिसके बाद जिला जेल अधीक्षक शशिकांत मिश्र ने उस बुजुर्ग को अपनी गाड़ी से उन्हें घर भेजा. 



DG PRISONS (U.P) ने शेयर किया वीडियो
रिहाई वाले वीडियो को DG PRISONS (U.P) ने ट्वीट किया है और लिखा है, ‘परहित सरिस धर्म नहीं भाई . 98 वर्षीय श्री रामसूरत जी की रिहाई पर लेने कोई नहीं आया . इस खबर के वायरल होने के बाद कई यूजर्स कमेंट कर जेल अधीक्षक की तारीफ कर रहे हैं तो कई लोग उन्हें मानवता की मिशाल पेश करने के लिए धन्यवाद दे रहे हैं.


UP School Closed: यूपी में कातिलाना ठंड के बीच स्कूलों में सर्दी की छुट्टियां बढ़ीं, इन जिलों ने एक हफ्ते तक घोषित किया शीतकालीन अवकाश