अयोध्या: तपस्वी छावनी में रविवार को संत सनातन धर्म संसद का आयोजन किया गया. छावनी के महंत जगद गुरु स्वामी परमहंस दास ने सनातन धर्म संसद का आयोजन किया, जिसमें देश के अलग-अलग कोने के संत शामिल हुए. सनातन धर्म संसद में भारत देश को हिंदू राष्ट्र घोषित किए जाने की मांग उठी. साथ ही देश में संतो की हो रही हत्या आत्महत्या जैसे संवेदनशील विषयों पर गंभीरता के साथ चर्चा हुई.


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हिंदू बहुसंख्यक तभी तक देश का संविधान और लोकतंत्र सुरक्षित
स्वामी परमहंस दास ने पीएम नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए ऐलान किया है कि यदि 2 अक्टूबर तक भारत देश को हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं किया गया या हिंदू राष्ट्र को लेकर सरकार ने उनसे वार्ता नहीं की तो वह सरयू नदी में जल समाधि ले लेंगे. अपने प्राणों की आहुति दे देंगे.  स्वामी परमहंस दास ने कहा की हिंदू बहुसंख्यक है तभी तक देश का संविधान और लोकतंत्र सुरक्षित है.


तीर्थ स्थलों के 84 कोस की सीमा में मांस और मदिरा प्रतिबंधित हो
स्वामी परमहंस दास ने केंद्र व प्रदेश सरकार से मांग किया कि तीर्थ स्थलों के चौरासी कोस की सीमा में मांस और मदिरा को प्रतिबंधित किया जाए. देश के पाठ्यक्रमों में मुगल आक्रांता को महान नहीं बताया जाए. देशभक्त वीरों भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद सहित अन्य देशभक्त वीरों के बारे में पाठ्यक्रमों को पढ़ाया जाए. स्वामी परमहंस दास ने मांग किया कि देश के मठ मंदिरों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है इसलिए उनकी बिजली और पानी को मुक्त किया जाए और सरकार संतो को एक लाख रुपये मानदेय भी प्रदान करें.


स्वामी परमहंस दास ने मांग की कि गाय को राष्ट्रमाता घोषित करें और रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया जाना चाहिए. स्वामी परमहंस दास विगत कुछ महीनों से भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किए जाने की मांग को लेकर एक मुहिम चलाए हुए हैं. जिसमें उन्होंने देश के संतो से अपील की है कि वह इसमें अपना समर्थन दें जिससे भारत हिंदू राष्ट्र घोषित हो सके. 


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