लखनऊ: उत्तर प्रदेश के आयुष कॉलेजों में भर्ती में हेराफेरी का मामले में गुरुवार को बड़ी कार्रवाई हुई है. यूपी पुलिस ने आयुष कॉलेजों में फर्जी भर्ती मामले में आयुर्वेद निदेशक एसएन सिंह समेत 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गौरतलब है कि जांच शुरू होते ही शासन ने एस एन सिंह को सस्पेंड कर दिया था. साथ ही सरकार ने मामले की सीबीआई जांच की भी सिफारिश की है. 


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एसटीएफ ने बढ़ाया जांच का दायरा
बता दें कि एसटीएफ ने अपनी जांच का दायरा बढ़ाया है. 10 से ज्यादा फर्जी दाखिले वाले संस्थानों पर एसटीएफ का शिकंजा कसता जा रहा है. इन कॉलेजों के प्रशासकों को एक सप्ताह में मांगे गए दस्तावेजों के साथ पेश होने के निर्देश दिया गया है. साथ ही 23 आयुष कॉलेजों के प्रबंधक और प्रधानाचार्य को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया गया है.


टॉप लिस्ट में मीरजापुर का एक कॉलेज शामिल
एसटीएफ की टॉप लिस्ट में मीरजापुर का एक कॉलेज है, जहां सबसे ज्यादा 76 दाखिले हुए हैं. जानकारी के अनुसार, 100 से ज्यादा कॉलेज ऐसे हैं, जहां नीट एग्जाम में बिना बैठे परीक्षार्थियों के दाखिले हुए हैं.


ये कॉलेज प्रयागराज, मुजफ्फरनगर, वाराणसी, लखनऊ, बरेली, जौनपुर, पीलीभीत, बांदा, झांसी, गाजीपुर, अमरोहा, मऊ, मीरजापुर, महराजगंज, एटा, सहारनपुर, मथुरा, अलीगढ़, आजमगढ़, आगरा, बिजनौर, फर्रुखाबाद, गोंडा, उन्नाव, मुरादाबाद, नोएडा, फतेहपुर और संभल में हैं. फतेहपुर में 58, मऊ में 47, मुजफ्फरनगर में 48, सहारनपुर में 46, एटा में 35 छात्रों का एडमिशन हुआ है, जिनमें फर्जीवाड़े का अंदेशा है.


एसटीएफ की नजर उन कॉलेजों पर ज्यादा है, जहां सबसे ज्यादा एडमिशन हुए हैं. उधर, उत्तर प्रदेश के आयुष कॉलेजों में नए मेडिकल सत्र में दाखिले की तैयारी शुरू हो गई है. इस बार की काउंसिलिंग सरकारी एजेंसी से कराने की तैयारी है. इस संबंध में पत्रावलियां तैयार की जा रही है. शासन ने निदेशालय से एजेंसी चयन के मानक के बारे में जानकारी मांगी गई है.