वेंदेंद्र शर्मा/आजमगढ़ : उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. जिले की पुलिस वे फर्जी एसओजी बनकर वसूली करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार की है. चारों आरोपियों के पास से पुलिस ने 4.6 लाख रुपये की ज्वैलरी और सवा लाख रुपये नकद बरामद किया है. आरोपियों द्वारा घटना को अंजाम दे रहे स्कार्पियो वाहन भी बरामद की गई, जो अधिकारियों के वाहन की तरह पर्दे और लाइट लगाकर सजाया गया था.


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क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक अहरौला थाने में 29 मई को पीड़ित महेन्द्र यादव ने शिकायत दर्ज कराई, जब वह 26 अप्रैल को अपनी बाइक से घर जा रहा था. नहर के पास खड़ा था, तभी एक स्कार्पियो में बैठे कुछ लोग आए और अपने आप को एसओजी का बताकर गाड़ी में बैठा लिया. इसके बाद आरोपियों ने 10 लाख रूपए की मांग की.परिजनों से तीन लाख 60 हजार रुपये नकद और छह लाख 65 हजार कीमत के जेवरात और मोबाइल को छीनकर गाड़ी से धक्का देकर भगा दिया.


CIA के नाम से चलाते थे एजेंसी
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में यह तथ्य प्रकाश में आया है कि ये गैंग CIA के नाम से एजेंसी (वेबसाइट) चलाते हैं. इसमें राज्य प्रभारी के रूप में राजेन्द्र पाठक सिकरारा जौनपुर, मनीष पाठक सदस्य, प्रहलाद मौर्य गोरखपुर का प्रभारी बताता हैं, जबकि मनीष पाठक आजमगढ़ जिले का रहने वाला है. इस वेबसाइट की जांच की जा रही है. इनके सदस्यों की क्या गतिविधियां हैं उन पर नजर रखी जा रही है.


गैंगेस्टर एक्ट के तहत होगी कार्रवाई 
पुलिस ने इस मामले में सीआईए के 4 सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके पास से बंदूक, कारतूस, सवा लाख रुपये नकद, 4.6 लाख रुपये के जेवरात, फिरौती के पैसे से खरीदी गई बाइक,घटना में प्रयुक्त स्कार्पियो वाहन बरामद किया है.पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सभी आरोपियों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट, गैंग पंजीकरण व 14 ए गैंगेस्टर एक्ट के तहत जो भी संपत्ति इन लोगों ने अर्जित की है उसे भी जब्त किया जाएगा.


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