बहराइच/ राजीव शर्मा: उत्तरप्रदेश के बहराइच जिले में तैनात जिला पंचायत राज अधिकारी उमाकांत पांडेय को शासन ने निलंबित कर दिया है. शासन से हुई कार्रवाई में डीपीआरओ पर शौचालय निर्माण व प्रचार प्रसार की होल्डिंग लगाने में अनुमानित दर से अधिक मूल्य का भुगतान संबंधित फर्म को करने का आरोप लगा है. जिस मद में डीपीआरओ पर 80 करोड़ के घोटाले का आरोप है. 


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आपको बता दें कि बहराइच में जिला पंचायत राज अधिकारी के पद पर उमाकांत पांडे की तैनाती है. जिला पंचायत राज अधिकारी तकरीबन 3 वर्ष से जिले में तैनात है. उनके विरुद्ध करोड़ों के घोटाले का आरोप लग चुका है. जिसकी जांच जिलाधिकारी की संस्तुति पर शासन के द्वारा की गई.   
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शासन की टीम ने जिले में उनकी तैनाती के दौरान हुए शौचालय निर्माण, प्रचार प्रसार के लिए होर्डिंग लगाने के मद में किए गए भुगतान की जांच की गई.  इसके बाद सभी जांच ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. अचानक शासन की ओर से जिला पंचायत राज अधिकारी को निलंबित करने का आदेश अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने 13 मई को जारी किया. आदेश सोमवार को जनपद में पहुंचा तो हड़कंप मच गया. शासन ने डीपीआरओ पर लगे घोटाले की जांच उप निदेशक पंचायती राज एसएन सिंह को सौंपी गई है. 


80 करोड़ के घोटाले का है आरोप
जिला पंचायत राज अधिकारी के विरुद्ध सर्वप्रथम तत्कालीन जिलाधिकारी शंभू कुमार ने जांच कराई थी. जिसमें 19 जुलाई 2017 को जनपद के विभिन्न ब्लाकों में लगवाए गए होल्डिंग में अनुमानित दर से अधिक मूल्य का भुगतान करने का आरोप है. इसके अलावा शौचालय निर्माण में घोटाले का आरोप है. बिना शौचालय निर्माण के ही कई ब्लाकों का धन निकाल लिया गया. जिसका संज्ञान लेकर शाशन ने बहराइच के डीपीआरओ के खिलाफ कारवाही का बड़ा एक्शन लिया है.जिससे महकमें में हड़कंप मच गया है. 


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